आजकल खेती के जरिए कई लोग अच्छा मुनाफा कमा रहे है। खेती की कुछ तकनीकों में बदलाव करने से किसानों को बहुत फायदा हुआ हैं। जिसमें काले चावल की खेती भी शामिल है। इस काले चावल में ढेरों औषधीय गुण होते हैं जो स्वास्थ के लिए काफी लाभकारी है।
इसकी मांग देश और विदेश में बढ़ती जा रही है। आपको बता दें कि भारत में सबसे पहले काले चावल की खेती की शुरुआत मणिपुर और असम में हुई थी। लेकिन अब काले चावल की खेती उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र आदि राज्यों में सफलतापूर्वक की जा रही हैं।
कई राज्यों की सरकारें इसकी खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी कर रही है। अगर आप भी इसकी खेती में दिलचस्पी ले रहे हैं, तो कृषि जागृति के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे की कैसे आप इसी खेती शुरू कर मुनाफा कमा सकते हैं।
काले चावल औषधियों गुणों से भरपूर हैं।
काले चावल में अधिक मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते है, जिस कारण से स्वास्थ्य संबंधित कई बीमारियों के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। काले चावल में आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ई, विटामिन बी, कैल्शियम और जिंक जैसे तत्व मौजूद हैं।
काले चावल की खेती कैसे करें?
इसकी खेती के लिए सबसे अच्छा समय मई और जून का महीना माना जाता है। इसकी बुवाई के लिए आपको सबसे पहले नर्सरी में रोप तैयार करना होगा। आपको बता दें कि बीज की रोपाई के एक महीने बाद मुख्य खेत में पौधों की रोपाई की जाती है। रोपाई के लगभग 5 से 6 महीने में फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी खेती आप कम पानी में भी आसानी से कर सकते हैं।
काले चावल की खेती में आने वाली लागत
इसकी खेती में लागत ज्यादा नहीं आती हैं। लगभग 300 से 500 रुपए किलो के हिसाब से काले चावल का बीज मंगाया जा सकता है। एक बीघा भूमि में लगभग तीन किलो बीज लगता हैं।
काले चावल से होने वाली कमाई
सफेद या ब्राउन राइस की तुलना में इसकी कीमत ज्यादा होती है सामान्य तौर पर 200 से 500 रुपए प्रति किलो बिकता है, जबकि सामान्य चावल का दाम 25 से 80 रुपए प्रति किलो से अधिक नहीं मिलती हैं।
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