बात करें अगर भारतीय घरों की तो यहाँ सरसों के तेल का इस्तेमाल हर घर में लगातार किया जाता है। सरसों की फसल की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी का चयन करना महत्वपूर्ण है, और अच्छी जल निकासी के लिए दोमट या रेतीली मिट्टी की सिफारिश की जाती है। अत: सरसों की फसल के वृद्धि के लिए इन जैव उर्वरकों के उचित प्रयोग करना आवश्यक है।
अगर हमारे किसान भाई सरसों की बेहतर पैदावार लेना चाहिए है साथ ही तेल की मात्रा को बढ़ा चाहते है तो। केवल यूरिया छिड़क देने के किसी भी फसल की पैदावार में वृद्धि नहीं हो सकती। अगर फसलों की पैदावार बढ़ानी है तो फसलों को पोषक तत्वों समय समय पर देना होगा जो की हम इन जैव उर्वरकों इस्तेमाल से ही प्रदान कर सकते हैं।
सरसों की फसल में जैविक खादों एवं जैव उर्वरकों का उपयोग
अगर आप सरसों की खेती कर रहे है तो आप रासायनिक उर्वरकों के साथ जैव उर्वरकों का भी इस्तेमाल करना शुरू कर देना चाहिए और धीरे धीरे रासायनिक खादों को कम करते जाना चाहिए। जैव उर्वरक के तौर पर आप 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट, केचुआ खाद में 10 किलोग्राम जी-सी पावर और 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस, 500 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर 30 मिनट हवा लगने के बाद उपयोग में लाए। जो आप मिट्टी उपचार के लिए और सिंचाई के समय छिड़काव करें।
सिंचित क्षेत्रों में सरसों की बुवाई लिए ऊपर बताए उपयुक्त मिश्रण को खेत की पहले दो जुताई करने के बाद एक सप्ताह के लिए खेत को खुला छोड़ दे। फिर बताए गए जैव उर्वरक के मिश्रण को प्रति एकड़ में छिड़काव कर 24 घंटे के बाद फिर दो जुताई कर अच्छी तरह मिट्टी में मिला लें। फिर आप सरसों के बीज को 10 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रति किलोग्राम बीज को डाल कर 15 से 20 मिनट तक रहने दे। फिर बीज को किसी सूती कपड़े में छान कर किसी छायादार स्थान पर सुखा कर मुख खेत बिखेर कर जुताई करें।
प्रति एकड़ खेत में जैविक खाद एवं जैव उर्वरकों की मात्रा
सरसों की फसल में 150 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट में 10 किलोग्राम जी सी पावर और 10 किलोग्राम जी प्रोम एडवांस में 500 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर 30 मिनट हवा लगने के बाद प्रति एकड़ खेत में बुआई से पहले मिट्टी उपचार के लिए खेत में मिला देना चाहिए।
यह भी पढ़े: पांच ऐसी सब्जियां जिन्हें घर पर लगाकर उगा सकते है और अच्छी उपज ले सकते हैं!
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े रहे या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें। धन्यवाद