ताइवान पिंक अमरूद इस समय की सबसे नई वैरायटी है, जो साल से पहले ही फल देना शुरू कर देती है। ताइवान पिंक अमरूद के पौधों को 6*12 के अनुपात की दूरी पर लगाकर बीच में कोई दूसरी अन्य फसल भी लेकर उगा सकते हैं। ये अमरूद की बारहमासी किस्म है, जो साल में 3 बार फसल देती है। इसमें फल 3 फुट के पौधे से ही आना शुरू हो जाते हैं।
इसके एक पौधे से साल में औसत 40 से 50 किलो अमरूद का उत्पादन होता हैं। इसका फल बहुत ही नरम, अंदर से मीठा और पकने के बाद अंदर से गुलाबी रंग का होता हैं। इसके फलों के अंदर बीज बहुत ही कम मात्रा में और 90 प्रतिशत गुदा होता हैं। प्रति एकड़ इसकी जैविक बुवाई के लिए 300 से 350 पौधे 6*12 के अनुपात की दूरी पर लगाकर आंतरिक फसल भी ले सकते हैं। हमारे किसान भाई भी इस नई किस्म के अमरूद के पौधों का जैविक बगीचा लगाकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
जैसा की आपको बता दिया गया है की इसके एक पौधे से 40 से 50 किलो उपज प्राप्त होती है। इस हिसाब से आप प्रति एकड़ खेत में 300 पौधे लगाते है तो साल भर के अंदर आपको 300*50= 15000 किलोग्राम ताइवान पिंक अमरूद का उत्पादन होगा। क्विंटल की बात करे तो 150 क्विंटल उत्पादन प्राप्त होगा। इस हिसाब से मान लिया जाए की एक किलोग्राम ताइवान पिंक अमरूद की थोक कीमत 20 रुपए है तो 15000*20=3,00,000 रुपए प्राप्त होंगे।
जैसे की आपको बता दिया गया है की ये अमरूद बारहमासी है और आप साल में 3 बार इसके पेड़ से फसल की तुडाई कर सकते हैं और हर बार आपको 3,00,000 रुपए प्राप्त होते है तो 3,00,000*3= 9,00,000 लाख रुपए साल में प्राप्त कर सकते हैं। इस ताइवान पिंक अमरूद की जैविक खेती से। हो सके तो ये आमदनी आपको 6 से 7 लाख भी प्राप्त हो सकती हैं इस केस में। ऐसा इसलिए क्योंकि उपज में कमी आने या इसके पौधे में कोई रोग व किट लगने एवं इसके बाजार भाव में कमी आने पर ये आमदनी 5 से 7 लाख रुपए तक प्राप्त हो सकती हैं।
इसलिए ये जरूरी है की इसके पौधों का हमेशा निरक्षण करते रहना चाहिए और अपने नजदीगी मंदी में अमरूद के बाजार भाव पर नजर गड़ाए रखना चाहिए। ध्यान रहे इसके फल की बिक्री एक साथ न करे बल्कि इसकी 4 चौथाई में छुड़ाई करके बिक्री करें। कहने का मतलब पेड़ पर से एक ही बार में सभी फल नहीं तोड़ लेना है बल्कि पहली बार में कुछ फल को तोड़कर बिक्री करें। फिर दूसरी बार में फल को तोड़कर बिक्री करे। फिर तीसरी बार में फल को तोड़कर बिक्री करें। और चौथी बार में पूरी पकी हुई फल को तोड़कर कर बिक्री कर दें।
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