इस समय खरीफ का मौसम अपने चरम पर चल रहा हैं, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि खरीफ की मुख्य फसल धान की फसल हैं। इसे देखते हुए पंजाब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। आपको बता दें कि उन्होंने खरपतवार माने जाने वाले 10 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
धान के पौधे को कई तरह के कीटों और बीमारियों का सामना करना पड़ता है। यही वह समय है जब फसलों में रोग लगने लगते हैं और किसानों को कीटनाशकों की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन सरकार के इस फैसले के पीछे की वजह क्या है आइए जानते हैं।
अगर इस फैसले के पीछे की वजह को समझने की कोशिश की जाए तो कहां जा सकता है कि पंजाब सरकार के इस फैसले का दुनिया के कई देशों से सीधा संबंध हैं, वही इस फैसले से भारत को 4 हजार करोड़ रुपए का फायदा हो सकता है।
इनमें शामिल कीटनाशक है एसेफेट, बुप्रोफेजिन, क्लोरापाईरिफोस, हेक्साकोनाजोल, प्रोपिकोनाजोल, थियामेथोक्सम, प्रोफेनोफोस, इमिडाक्लोप्रिड, करबेंडाजिम और ट्राइसाइक्लोजोल है। इससे जुड़ा फैसला लेने के लिए पंजाब सरकार ने 11 जुलाई को पार्टियों से इस संबंध में राय लेने के लिए बैठक बुलाई थी।
प्रतिबंध की अधिसूचना पंजाब राज्य के कृषि विभाग के विशेष मुख्य सचिव केएपी सिन्हा के नाम से जारी की गई है। तदनुसार, पंजाब राइस मिलर्स एंड एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन ने भी बताया था कि उनके द्वारा परीक्षण किए गए कई नमूनों में इन कीटनाशकों के अवशेष बासमती चावल में एमआरएल मानकों से ज्यादा थे।
इसलिए हमारे किसान भाइयों इस कीटनाशकों की पहचान कर ले और फिर इन कीटनाशकों का स्प्रे अपने किसी भी फसलों पर न करें। और अन्य किसान भाइयों को भी बताएं पहचान करने के लिए।
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