मुर्गी पालन के फार्मों के तबाह होने के कई कारण हो सकते हैं। यहां कुछ मुख्य कारणों की एक सूची है। इन कारणों से मुर्गी पालन के फार्म आजकल तबाह हो रहे हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार और मुर्गी पालकों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो मुर्गी पालन के फार्मों को तबाह होने से बचा सकते हैं।
अवांछित मृत्यु दर: कुछ फार्मों में मुर्गी पालन के दौरान अवांछित मृत्यु दर बढ़ गया है। यह कई कारकों के संयोजन का परिणाम हो सकता है, जैसे रोग, संक्रमण, गुणमान कमी, ग्रामीण क्षेत्रों में यूनानी चिकित्सा के कम प्रयोग आदि।
रोग और संक्रमण: खुराक, रख-रखाव, हाइजीन और वैक्सीनेशन की गुणवत्ता में कमी, फार्मों में रोगों और संक्रमणों का प्रसार हो सकता है। यह फ्लू, न्यूकैसल रोग, गंजापन, मर्क्स, इंफेक्शनियस ब्रोन्चाइटिस, और अन्य बीमारियों को शामिल कर सकता है।
बाहरी मार्केट दबाव: अन्य देशों से दस्तावेजीकृत मुर्गा आयात, खुदरा मूल्यों की कमी, और अन्य व्यापारिक मुद्दों के कारण, देश के अंदर मुर्गी पालन (Poultry) उद्योग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
आपातकालीन परिस्थितियां: बाढ़, भूकंप, तबाही, युद्ध, या अन्य आपातकालीन परिस्थितियां मुर्गी पालन के उद्योग को प्रभावित कर सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप, फार्मों में क्षति, नुकसान, या बंद हो जाना संभव है।
अशुद्ध खाद्य: मुर्गी पालन के फार्मों में पशुओं को उचित खाद्य पदार्थ उपलब्ध नहीं होने की स्थिति हो सकती है। यदि पशुओं को पूरा पोषण नहीं मिलता है, तो उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और इससे उत्पादन में कमी हो सकती है। यहां दिए गए कारण विभिन्न स्थानों और समयों पर अलग-अलग हो सकते हैं, और इसे संपूर्णतः समझने के लिए विशेष स्थानांतरण की आवश्यकता हो सकती है।
यह भी पढ़े : भारत में पोल्ट्री फार्म के बारे में शिकायत कैसे करूँ? जानिए विस्तार से
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े रहे या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें। धन्यवाद