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भारत में किसान अभी भी पारंपरिक खेती पर क्यों निर्भर हैं? जानिए विस्तार।

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krishijagriti5

भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसकी आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कृषि पर निर्भर करता है। किसानों के बड़े हिस्से ने अभी भी खेती के पारंपरिक तरीकों पर निर्भर रहने का चुनाव किया है, जो कुछ मुख्य कारणों के कारण:

1. संस्कृति और ऐतिहासिक पारंपरिकता: भारतीय किसानों की संस्कृति और ऐतिहासिक पारंपरिकता खेती के पारंपरिक तरीकों पर बल देती है। यह एक सामूहिक मानसिकता और विश्वास का परिणाम है, जिसमें किसान उन तरीकों का उपयोग करते हैं जो उनके पूर्वजों द्वारा प्रयोग में लाए गए हैं।

2. वित्तीय संकट: कई किसान वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं, जिसके कारण वे आधुनिक खेती तकनीकों पर निवेश करने में संकोच करते हैं। नए तकनीकी उपकरणों, कृषि मशीनरी और शंकर बीजों की खरीद पर धन की कमी किसानों को अवरोधित कर सकती है।

3. ज़मीन की समस्याएं: भारत में कई जगहों पर जमीन की समस्याएं हैं, जैसे कि जमीन का अत्यधिक उपयोग, जमीन की अवस्था में गिरावट और जमीन की संपत्ति के संकट। ऐसे मामलों में, किसान उचित संसाधनों का अभाव और जमीन पर प्राकृतिक प्रभावों के कारण पारंपरिक तरीकों का ही सहारा लेते हैं।

4. बाजार संरचना: किसानों के लिए बाजार संरचना में कई समस्याएं हैं, जिसके कारण उन्हें पारंपरिक तरीकों का ही सहारा लेना पड़ता है। दलालों, मध्यमवर्गीय व्यापारियों और अधिकारियों के मध्य दर की निर्धारण, आपूर्ति श्रृंखला में मध्यस्थता, असामान्य मौसमी परिस्थितियों के कारण उत्पादों की मूल्यवान्हति आदि इसमें शामिल हैं।

ये कुछ कारण हैं जिसके कारण भारतीय किसान अभी भी पारंपरिक तरीकों पर निर्भर हैं। हालांकि, हाल के दिनों में कुछ किसान उद्यमी और प्रगतिशील किसान नए तकनीकों और विज्ञान के साथ आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। उन्हें सरकार और गैर सरकारी संगठनों के द्वारा सहायता प्राप्त करने के लिए उपलब्ध संसाधनों का भी उपयोग करना चाहिए।

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