भारत में हींग की खेती मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में की जाती है। इन राज्यों में हींग के लिए अनुकूल जलवायु और मिट्टी पाई जाती है। हींग के बीज अफगानिस्तान, ईरान और तुर्की से आयात किए जाते हैं। भारत में हींग के बीज कई जगहों पर मिलते हैं, लेकिन सबसे अधिक यह उत्तर भारत के राज्यों में मिलता है।
हींग के बीज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है। इसके अलावा, हींग के बीज पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी उगाए जाते हैं। हींग के बीज को आमतौर पर मार्केट में सूखा और पाउडर के रूप में बेचा जाता है। हींग के बीज का उपयोग कई तरह के व्यंजनों में किया जाता है, जैसे कि दाल, सब्जी, चावल और रोटी।
हींग के बीज का उपयोग कई तरह के आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है। हींग के बीज में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं, जैसे कि पाचन को सुधारने, दर्द को कम करने और सूजन को दूर करने के गुण। यदि आप हींग के बीज खरीदना चाहते हैं, तो आप किसी भी बड़े सुपरमार्केट या ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं।
हींग के बीज की कीमत आमतौर पर 100 रुपये प्रति किलोग्राम से शुरू होती है। हींग की खेती के लिए एक समतल और अच्छी तरह से सूखा हुआ क्षेत्र होना चाहिए। मिट्टी हल्की और रेतीली होनी चाहिए। हींग को बीज के रूप में लगाया जाता है। बीज को फरवरी-मार्च में लगाया जाता है। हींग के पौधे से 3 से 4 साल में हींग प्राप्त होती है।
हींग को पौधे की जड़ से निकाला जाता है। जड़ को धोकर सूखाया जाता है और सूखी हींग को पाउडर या गांठ के रूप में बेचा जाता है। हींग एक बहुमुखी मसाला है जिसका उपयोग कई प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है। हींग का उपयोग सब्जियों, दालों, मांस और मछली के व्यंजनों में भी किया जाता है। हींग का उपयोग अचार, चटनी और मिठाइयों में भी किया जाता है।
हींग एक औषधीय पौधा भी है और इसका उपयोग कई प्रकार के रोगों के इलाज में किया जाता है। हींग एक मूल्यवान मसाला है और भारत में हींग की खेती एक महत्वपूर्ण उद्योग है. हींग का निर्यात भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत है.
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