करनाल में स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान ने विभिन्न राज्यों में गेहूं किसानों को बिजाई के लिए सर्वाधिक उपयुक्त किस्में सुझाई है। साथ ही किसानों को अधिक से अधिक 25 दिसंबर तक गेहूं की बिजाई पूरी करने की सलाह दी गई है। संस्थान द्वारा कहा गया है कि बिजाई में देरी होने पर उपज में भारी कमी भी आ सकती है।
पंजाब के उत्तर-पश्चिमी मैदान, हरियाणा, राजस्थान के कुछ हिस्सों और पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए PBW-752, PBW-771, DBW-173, JKW-261, HD-3059, WH-1021 है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए DBW-316, PBW-833, DBW-107, HD-3118 है।
मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान के लिए HD-3407, HI-1634, CG-1029, HP-3336 है।
HD-3271, HI-1621 और WR-544 किस्मों को 25 दिसंबर तक ऊपर बताए गए राज्यों में कहीं भी लगाया जा सकता हैं।
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निर्देशक ज्ञानेद्र सिंह ने कहां कि देर से बुवाई करते समय, प्रति एकड़ खेत में इनमें से किसी भी किस्म के बीज को 45 किलोग्राम उपयोग किया जाना चाहिए और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 18 सेमी रखी जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहां कि एक तिहाई नाइट्रोजन, पूर्ण फास्फोरस और पोटाश बुवाई की शुरुआत में और शेष नाइट्रोजन को दो बराबर भागों में सिंचाई के पहले और दूसरे दौर में डालना चाहिए। खरपतवारों को नियंत्रण करने के लिए किसानों को प्रति एकड़ 60 ग्राम पेयरोक्सासल्फोन 85 का छिड़काव करना चाहिए।
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