संतुलित आहार नहीं मिलने के कारण पशुओं की आनुवंशिक क्षमता कम होने लगती हैं। इसके साथ ही पशुओं में कई तरह के पोषक तत्वों एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो जाती हैं। ऐसे में पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती हैं।
जिससे उनकी प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती हैं। ज्यादातर छोटे किसानों एवं पशुपालकों को पशुओं के लिए संतुलित आहार की व्यवस्था करने में काफी कठिनाई होती हैं। अप्रैल से जून महीने में अक्सर चारे की कमी होती हैं।
इस समय यदि चारा उपलब्ध भी हो तो उसकी गुणवत्ता कम होती हैं। इसके अलावा कई बार अत्यधिक वर्षा या अत्यधिक तापमान के कारण भी फसलें खराब हो जाती हैं और पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता पर प्रतिकूल असर होता हैं।
ऐसे स्थिति में पशुपालक हे या साइलेज बना कर चारे को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं। इसके अलावा कई ऐसी फसलें हैं जिन्हें पशुओं के आहार में शामिल किया जा सकता हैं।
चारे के आभाव में पशुओं को क्या खिलाए!
यदि किसी कारण पशुओं के आहार में बाजार में उपलब्ध पशु आहार को शामिल नहीं कर सकते है तो आप पशुओं को नीचे बताए गए फसल खिलाएं। पशुओं के आहार में फसलों के अवशेष को शामिल कर सकते हैं।
पशुओं के आहार में ताजे केले के केले के पानी की मात्रा मौजूद होती हैं। इसे खिलाने के बाद पशुओं को अलग से पानी पिलाने की आवश्यकता भी कम हो जाती हैं। मूंगफली के भूसे में बरसीम के भूसे के करीब प्रोटीन की मात्रा होती हैं।
इसलिए पशुओं के आहार में मूंगफली के भूसे को शामिल करना एक बेहतर विकल्प हैं। आम की गुठलियों में प्रोटीन, ऊर्जा एवं टैनिन की भरपूर मात्रा पाई जाती हैं। पशुओं को दिए जाने वाले कुल आहार का 10 प्रतिशत, आम की गुठलियों को शामिल कर सकते हैं।
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