नमस्कार किसान भाइयों, कृषि जागृति चलो गांव की ओर किताब ऐसे सवालों पर आधारित हैं, जिनका उत्तर अगर आज न खोजा गया, तो बहुत देर हो जायेगी। आज हरित क्रांति के नाम पर अधिकाधिक फसल लेने के चक्कर में हमारे किसान भाई, केवल रासायनिक खादों व रासायनिक कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग कर रहे हैं। शुरू में कुछ दशकों के दौरान ये रासायनिक खाद आशचर्यजनक तौर पर लाभदायक थी और भारतीय किसानों तथा अर्थशास्त्रियों ने इसे कृषि क्रांति के रूप में लिया, लेकिन समय के साथ किसानों तथा कृषि विशेषज्ञों को एहसास हुआ कि इन रसायनों के ज्यादा प्रयोग से न केवल कृषि योग्य भूमि को नुकसान पहुंचा है बल्कि फसलों को भी नुकसान हुआ।
रासायनिक खाद के प्रयोग की फसल ने न केवल मानुष के जीवन को नुकसान पहुंचाया बल्की कृषि योग्य भूमि को भी। अगर आप आज भी सोये रहे, तो पुरखों से मिली उपजाऊ धरती एक दिन बंजर जमीन में तब्दील हो जायेगी। अगर आप आज भी न जागे, तो आप अपनी आने वाली पीढ़ियों को विरासत में बंजर जमीन व गरीबी देकर जाने को मजबूर होंगे। अगर आपको कृषि जागृति के बातों पर यकीन नहीं है तो नीचे दिए गए इन पांच बातों पर गौर कीजिए।
पहला: क्या आपने यह महसूस किया है कि रासायनिक खादों के लगातार इस्तेमाल से आपके खेत की मिट्टी अपनी उर्वरा शक्ति खो रही हैं। अगर नहीं किया है तो सोचकर देखिए कि आज से 10 साल पहले जितनी फसल लेने के लिए आपको कितनी रासायनिक खाद डालनी पड़ती थीं, आज उतनी ही फसल लेने के लिए उससे दुगनी या उससे भी ज्यादा रासायनिक खाद डालनी पड़ती है।
दूसरा: क्या आपने यह महसूस किया है कि रासायनिक खादों के लगातार इस्तेमाल से फसलों पर लगने वाली बीमारियों व कीटों के आक्रमण नहीं होता था, जितना आज होता है। जरा सोचिए कि पहले मार्केट में क्या इतने रासायनिक कीटनाशक आते थे जितने आज आते हैं।
तीसरा: क्या आपने यह महसूस किया है कि आपकी फसलों की गुणवत्ता धीरे-धीरे गिर रही है व खेती पर आने वाला खर्च प्रतिवर्ष बढ़ रहा हैं।
चौथा: क्या आपने यह महसूस किया है कि आपकी जमीन धीरे-धीरे बंजर होती जा रही है। अगर नहीं, तो गौर कीजिए कि क्या आपके खेतों में पानी देने पर मिट्टी द्वारा पानी को सोखने में बहुत ज्यादा देर लगाती है। यानिकि आपके खेतों में पानी पहले की अपेक्षा ज्यादा देर तक खड़ा रहता हैं।
पांचवा: क्या आपने यह महसूस किया है कि आपके खेतों की मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने वाले प्राणी जैसेकी केंचुआ, फॉस्फोरस घुलनशील बैक्टीरिया, नाइट्रोजन फिक्सेटिव बैक्टीरिया, रासायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल से पूरी तरह समाप्त हो चुके हैं।
इन सवालों के जवाब के लिए किसानों को सबसे पहले अपनी मिट्टी व उसकी उपजाऊ शक्ति को समझना होगा। इसके लिए हम अगले पोस्ट में विस्तार से बताएंगे।
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