मोहनपुरा सिंचाई परियोजना एक महत्वपूर्ण जलसंरचना परियोजना है जो भारत में स्थित है। यह परियोजना राजस्थान राज्य के चूरू जिले में स्थापित है। यह एक सिंचाई परियोजना है जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि और पेयजल की आपूर्ति को सुनिश्चित करना है। मोहनपुरा सिंचाई परियोजना की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
जल संचय: यह परियोजना प्रमुखतः जल संचय के लिए विकसित की गई है। इसमें जल संचयन के लिए बांधों, झीलों, और तालाबों का निर्माण किया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि जल संसाधनों का उपयोग अवधि के दौरान सुरक्षित रहे।
निर्माण: मोहनपुरा सिंचाई परियोजना में निर्माण के लिए अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाता है। यह परियोजना कार्यान्वयन के लिए बांध, नहर, नल, पाइपलाइन, और सिंचाई इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करती है।
जल संचालन: यह सिंचाई परियोजना जल संचालन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस परियोजना में उपयोग होने वाली तकनीकी उपकरणों की मदद से जल का व्यवस्थापन किया जाता है, जिससे किसानों को सही समय पर और प्रभावी ढंग से सिंचाई करने में मदद मिलती है।
कृषि विकास: मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के माध्यम से कृषि विकास को प्रोत्साहित किया जाता है। इस परियोजना के तहत किसानों को पेयजल और सिंचाई की सुविधा प्रदान की जाती है जो उन्हें अधिक उत्पादक बनाती है। इससे किसानों को अवसर मिलता है कि वे अपनी फसलों की खेती करें और अपनी आय को बढ़ाएं।
यह सिंचाई परियोजना भारत सरकार के मौखिक सहमति और वित्तीय सहायता के आधार पर विकसित की गई है। इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य जल संसाधनों का प्रबंधन करके कृषि और पेयजल को सुनिश्चित करना है और राजस्थान के किसानों को समृद्धि प्रदान करना है।
यह भी पढ़े : हरियाणा सरकार ने शुरू किया 75 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले वृक्षों के लिए पेंशन योजना
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती से संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें।