फॉल आर्मी वर्क को मक्के की फसल में लगने वाले कीटों में से सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता हैं। टिड्डियों की तरह यह किट भी मक्के की पूरी फसल को नष्ट कर सकते है। भारत के कर्नाटक राज्य में इस कीट को सबसे पहले वर्ष 2018 में देखा गया था। फिर इसके बाद इस कीट ने बेंगलुरु, हसन, आंध्र प्रदेश, गुजरात, उतर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में भी खूब तबाही मचाई, अगर समय रहते इस कीट को नियंत्रण नहीं किया गया तो इसके भयंकर दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। अगर आप इस कीट से होने वाले मक्के की फसल को नुकसान और बचाव के उपाएं नही जानते हैं तो कृषि जागृति के इस पोस्ट को ध्यान से पढ़े और समझे।
तम्बाकू इल्ली के परिवार का यह बहुभक्षी किट है। मादा किट अपने पूरे जीवन काल में 10 बार तक अंडे दे सकती हैं। मादा किट एक बार में 50 से 200 अंडे देती हैं। एक मादा किट अपने जीवन काल में 1700 से 2000 अंडे देती है। इससे किट के तेजी से बढ़ने का अंदाजा लगाया जा सकता हैं। सभी अंडो से लार्वा निकलने में 3 से 4 दिनों का समय लगता है। फिर इसके बाद लगभग 15 से 25 दिनों में लार्वा प्यूपा में परिवर्तीत हो जाते हैं। और प्युपा को वयस्क होने में लगभग 10 से 15 दिनों का समय लगता है। यह किट प्रति दिन 100 किलोमीटर तक यात्रा कर सकते हैं।
यह किट मक्के के पौधों को लगभग सभी भाग को खा कर फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं।
इस किट के लार्वा पत्तियों को खुरचकर खाते हैं। जिससे पतियों पर सफेद रंग की धारिया बनने लगती हैं।
बड़े होने के साथ यह किट पतियों के ऊपरी हिस्से, मक्के के दाने एवं उसे ढकने वाली पत्तियों को भी खा कर फसल को नष्ट करते हैं।
किट को फैलने से रोकने के लिए अंडो के समूह को नष्ट कर दे या जमीन में गाड़ दें। प्रति एकड़ खेत में 100 ग्राम नीम की खली मिलाए। ऐसा करने से प्यूपा को व्यास्क होने से भी रोका जा सकता है।
प्रति एकड़ खेत में एक लीटर जी-एनपीके को 150 लीटर पानी में मिलाकर किट लगने के शुरुआती चरण में ही स्प्रे करने से इस किट को पूरे फसल पर फैलने से रोका जा सकता हैं।
इसके अलावा प्रति एकड़ खेत में एक लीटर जी डर्मा प्लस को 150 लीटर पानी में मिलाकर किट लगने के प्रारंभिक अवस्था में ही स्प्रे करने से इस किट को पूरे फसल पर फैलने से रोका जा सकता हैं।
इसके अलावा प्रति एकड़ मक्के के खेत में 5 से 7 फेरोमोन ट्रैप लगाने से भी कुछ हद तक इस किट को नियंत्रित किया जा सकता हैं।
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हमे उम्मीद है कि इस पोस्ट में बताई गई जैविक दवाओं एवं अन्य तरीकों को अपना कर आप मक्के की फसल को फॉल आर्मी वर्क से बचा सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी हो तो इस जानकारी को अधिक से अधिक किसान मित्रो के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान अपनी मक्के की फसल को इस कीट से बचा सके। मक्के की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे WhatsApp के माध्यम से पूछ सकते हैं।