कृषि जागृति

जैविक खेती क्या है! और इसे कैसे करे वैज्ञानिक तरीके से जिससे रोग मुक्त फसल एवं उपज हो?

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krishijagriti5

जैविक खेती एक ऐसी खेती है जिसमें किसी तरह के रासायनिक खाद एवं कीटनाशक का उपयोग न किया जाए। उसे हम जैविक खेती कहां जाता है। इस तरह की खेती में सिर्फ जैविक खाद व जैविक कीटनाशक का उपयोग किया जाता है।

जैविक खेती में इस्तेमाल होने वाले जैविक खाद

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि जैविक खाद एक ऐसी खाद है, जो जीव से तैयार की जाती है यानिकि जैविक खाद ऐसे पदार्थों से, हो हम सिर्फ प्राकृतिक चक्र से मिलते हैं। जैसे फसलों के अवशेष, पशुओं का गोबर, फलों/ सब्जियों के छिलके, अंडो के छिलके, जानवरों की हड्डियां इत्यादि से तैयार होती है। अब हमारे किसान भाइयों के मन में भ्रम होगा कि क्या हमें फिर से छः महीनों के लिए खेतों को खाली छोड़ना होगा।

जी नहीं! चूंकि आज भारत की एक बहुत बड़ी जनसंख्या का पेट भरने के लिए हम परम्परागत तरीका नहीं अपना सकते, यानिकि खेतों पर इन जैविक पदार्थों को डालकर उन्हें 6 महीने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है। क्योंकि इन पदार्थों को खाद में बदलने में सुक्ष्म जीवाणु को एक लम्बा वक्त लगता है, इसलिए आज इन जैविक पदार्थों को बाहर खाद में पहले बदलना होगा और इसे फिर खेतों में डालना होगा। अगर हम कच्चा गोबर खेत में डाल देंगे तो उससे खेतों में दीमक या खरपतवार जैसी बीमारियां लग जाएंगी।

आज किसानों के पास दो चुनौतियां है

पहला: किसानों को भारत की 100 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या का पेट भरना है, इसके लिए किसानों को ऐसी खेती करनी है, जिस में उत्पादन बढ़ सके और हमारे किसान भाई अमीर व पैसे वाले बन सकें।

दूसरा: किसानों को अपने देशवासियों को एक स्वस्थ भोजन देना है ताकि वो स्वस्थ और लम्बा जीवन जिएं।

इन्ही दिनों मकसद को दिमाग में रखकर कृषि जागृति लेकर आया है किसान भाइयों के लिए गैलवे कृषम ब्रांड के कुछ शानदार जैविक उत्पाद जिसे किसान अपने जैविक खेती में इस्तेमाल कर अच्छी एवं रोग मुक्त फसल और उपज ले सकते हैं।

गैलवे कृषम ब्रांड के 10 शानदार जैविक उत्पाद

  • G-एन.पी.के (बायो फर्टिलाइजर)
  • G-स्यूडो प्लस (एक्सट्रीम केयर)
  • G-डर्मा प्लस (एक्सट्रीम कन्ट्रोल)
  • G-सी पावर (एक्सट्रीम एनर्जी)
  • G-प्रोम एडवांस
  • G-सी लिक्विड
  • G-अमीनो प्लस
  • G-बायो ह्यूमिक
  • G-बायो फॉस्फेट एडवांस (फॉस्फेट घुलनशील फंगल जैव उर्वरक)
  • G- पोटाश (पोटेशियम मोबिलाइजिंग जैव उर्वरक)
  • G-वैम (माइकोराइजा बायो फर्टिलाइजर)

यह भी पढ़े: किसान का भविष्य कैसा होगा! आने वाले समय में?

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