नारियल के पेड़ों को प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु संबंधित खतरों, कीटों, रोगों और अन्य आपदाओं के खिलाफ संरक्षण दिलाने के उद्देश्य से नारियल विकास बोर्ड द्वारा नारियल पेड़ बीमा योजना संचाली किया जाता हैं।
नारियल पेड़ बीमा योजना का मकसद क्या है?
कुदरती आपदा या किट बीमारियों से होने वाले नुकसान के समय किसानों की मदद करना, पेड़ों के अचानक खत्म होने पर होने वाले नुकसान से होने वाले किसानों को राहत दिलाना। इस योजना के अंतर्गत 4 वर्ष से 60 वर्ष तक की आयु के सभी स्वस्थ, फलदायक पेड़ों को मृत्यु/ताड़ का नाश करने वाले/ अनुत्पादन बना देने वाले प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती हैं।
प्रीमियम का 50 प्रतिशत नारियल बोर्ड द्वारा उठाया जाता है और शेष रकम के 25 प्रतिशत के हिसाब से राज्य सरकार एवं लाभार्थी किसान द्वारा उठाया जाता है। अपने नारियल के पेड़ का बीमा कराने के इच्छुक किसान सीधे कृषि कंपनी के प्रतिनिधियों से या बागवानी विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
पेड़ों के अचानक खत्म होने पर होने वाले नुकसान से होने वाले किसानों को राहत दिलाना। जलवायु संबंधित खतरों, कीटों, रोगों और अन्य आपदाओं के खिलाफ संरक्षण दिलाने के उद्देश्य से नारियल विकास बोर्ड द्वारा नारियल पेड़ बीमा योजना संचाली किया जाता हैं।
किसान अपने हिस्से के प्रीमियम का भुगतान करके योजना में शामिल हो सकते हैं। इस योजना के तहत बीमा संरक्षण की अवधि बीमा प्रस्ताव का भुगतान होने के एक महीने बाद से शुरू होगी। प्रस्ताव प्रस्तुत करने के एक माह के भीतर होने वाली हानि योजना के तहत मुआवजे के लिए पात्र नहीं होंगे। स्त्रोत : नारियल विकास बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट
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