बीज उपचार करने के अनेकों फायदे हैं। अगर आपको मक्के के बीज उपचारित करने के फायदे और इसकी सही विधि की जानकारी नहीं है तो कृषि जागृति के इस पोस्ट को पूरा पढ़े और समझे। कृषि जागृति के इस पोस्ट में बताई गई जैविक दवाओं से बीज को उपचारित करके आप रोग मुक्त मक्के की स्वस्थ फसल प्राप्त कर सकते हैं।
मक्के के बीज को उपचारित करने से बीज का अंकुरण बेहतर होता है।
मृदा जनित विभिन्न रोगों से पौधों का बचाव होता है। जिससे फसल बीज जनित रोगों से मुक्त हो जाते हैं।
मक्के की फसल पर कई रोगों व कीटो के लगने की संभावना कम हो जाती है। जिससे स्वस्थ एवं उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त होती है।
बीज उपचार से प्रतिकूल परिस्थितिया जैसे नमी की अधिकता या कमी में भी अच्छी उपज होती हैं।
किसान इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादातर कंपनी हाइब्रिड एवं पहले से उपचारित बीज की बिक्री करती हैं। बीज की खरीद के समय यह सुनिश्चित कर लें कि वह उपचारित है या नहीं।
बीज उपचारित नहीं है तो आप यहां दी गई जैविक दवाओं के प्रयोग से बीज को उपचारित कर सकते हैं।
बुआई से पहले प्रति किलोग्राम मक्के के बीज को 10 मिली जी-एनपीके को मिलाकर उपचारित करें।
इसके अलावा प्रति किलोग्राम मक्के के बीज को 10 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस से भी उपचारित किया जा सकता है।
पौधों को कई सुक्ष्म रोगों से बचने के लिए प्रति किलोग्राम बीज को 10 मिली जी डर्मा प्लस से भी उपचारित कर सकते हैं।
इन जैविक विधि से मक्के के बीज को उपचारित करने के अलावा आप बीजामृत, गौमूत्र का भी प्रयोग कर सकते हैं।
यह भी पढ़े: मक्के की कटाई कब और कैसे करें जिससे उपज को कोई क्षति न हो एवं भंडारण कैसे किया जाए!
अगर हमारे किसान भाइयों को यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी तो तो साथ ही इस जानकारी को अन्य किसान मित्रो के साथ भी साझा करे। जिससे अन्य किसान मित्र भी इसका लाभ उठा सकें। मक्के की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे WhatsApp के माध्यम से पूछ सकते हैं।