जैसाकि मैंने पहले भी बताया है कि रासायनिक खादों में मुख्यताः तीन पोषक तत्वों का किसानों द्वारा फसलों पर इस्तेमाल हो रहा है। नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश और इन तत्वों को भी एनपीके का अनुपात 4:2:1 का होना चाहिए। यानिकि अगर कुल 7 किलोग्राम खाद डालनी हैं तो उसमें 4 किलोग्राम यूरिया 2 किलोग्राम डीएपी व 1 किलोग्राम पोटाश का इस्तेमाल होना था, लेकिन यूरिया के सस्ते होने की वजह से किसान ने यूरिया को स्वीकृत मात्रा से कहीं ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसलिए एक पौधे को जिसे बहुत सारे पोषक तत्व जैसे कि नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, आयरन, इत्यादि तत्वों की आवश्यकता होती हैं, उसे सिर्फ नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश ही मिल रहे है और इसमें भी नाइट्रोजन सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है किसानों द्वार, यानिकि एक पौधे को एक अधूरा व असंतुलित आहार मिल रहा है। इसलिए पैदा होने वाली फसल नाइट्रोजन के इस्तेमाल की वजह से ऊपर से तो बहुत अच्छी दिखती है, लेकिन अंदर से एक कमजोर व खोखली व बिना गुणवत्ता की फसल होती है।
इन कमजोर फसलों को भी कीट अपना निशाना आसानी से बना लेते हैं। फसलों में पोषक तत्वों की आई कमी से पौधे की प्रतिरोधक क्षमता स्वयं बीमारी को अवरोध करने की क्षमता खत्म हो गई है। वरना आप सोच कर देखिए कि जंगलों में या सड़क के किनारे उगनेे वाले पेड़ों को देखने वाला कोई भी नहीं है और वो फिर भी हर मुसीबत से लड़ते हुए हरे-भरे खड़े रहते हैं क्योंकि वो अंदर से मजबूत हैं। उन्हें पोषक तत्व अपनी मां यानी मिट्टी से मिल रहे हैं, जबकि हमारी फसलों को आधे-अधूरे असंतुलित तत्व जहरीली रासायनिक खादों से मिले हैं।
इसलिए हमारी फसलों पर तरह-तरह की बीमारियां लग जाती हैं। आज से 50 वर्ष पूर्व न इतनी बीमारियां थी और न ही इतने कीटनाशक। आज का किसान अपनी फसल को बचाने के चक्कर में में अन्धाधुंध रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल करता हैं। ये कीटनाशक कितने जहरीले होते हैं, इसका इस बात से पता चलता है कि अगर रासायनिक कीटनाशक का खाली डिब्बा भी हम में से कोई सूंघ ले, तो वो आधे घंटे के लिए बेहोश हो जायेगा। इन कीटनाशकों के इस्तेमाल ने बहुत सारी बीमारियों को जन्म दिया है और दे रहे हैं।
इसलिए हमारे किसान भाइयों जितना आप अपनी फसलों को जैविक तरीके से उगाए और अपनी फसलों को जैविक कीटनाशक का स्प्रे करे यानी में कहने का मतलब है पोषक तत्व का, जितना आप अपनी मिट्टी को पोषक तत्व देंगे फसल उतनी बेहतर होगी, बिना रोग किट लगे।
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