सरसों रबी की एक प्रमुख फसल है। जिसकी बजाई लगभग पूरे भारत में की जाती है। लेकिन उन्हें हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में इसकी बिजाई मुख्य रूप से सबसे अधिक मात्रा में की जाती है। इस सीजन में कई किसान सरसों की बुआई भी कर रहे हैं तो वहीं कई किसान इसकी बुआई भी कर चुके हैं। सरसों की अच्छी पैदावार के लिए आज हम कृषि जागृति के इस पोस्ट में आपको बताएंगे किन जैविक खाद का इस्तेमाल करें, अपने सरसों की फसल में अच्छी पैदावार के लिए तो आइए जानते हैं।
सरसों की फसल से बेहतर उपज लेने के लिए रासायनिक उर्वरकों के साथ-साथ केंचुआ खाद, गोबर या कम्पोस्ट खाद का भी प्रयोग करना चाहिए। सरसों की प्रति एकड़ खेती के लिए 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट के साथ 10 किलोग्राम जी+सी पावर, जी+प्रोम एडवांस मिलाकर कर छिड़काव कर जुताई कर फिर बीज को उपचारित कर बुवाई करें। बीज उपचार करने के लिए 10 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस को प्रति किलोग्राम बीज को एक लीटर पानी में मिला कर 30 मिनट तक उपचार करें।
फिर इसके बाद बीज को किसी छायादार स्थान पर पसार कर सुखा लें, फिर मुख्य खेत में बुवाई करें। ये कार्य आप दो टाइम कर सकते हैं पहले सरसों की बुवाई के समय और दूसरा जब सरसों की फसल की पहली सिंचाई करे तब कर सकते हैं। सरसों की पहली सिंचाई 30 से 35 दिनों की फसल होने पर की जाती हैं अगर खेत में नमी जल्दी खत्म हो गई है तो 25 से 30 दिन के सरसों की फसल की पहली सिंचाई कर सकते हैं।
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