फसलों के अच्छे विकास के लिए जी-एनपीके (जैव उर्वरक) यह मिट्टी में नाइट्रोजन सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद करता है और फॉस्फेट और पोटाश को भी ग्रहण के लिए उपलब्ध कराकर फसल को संतुलित पोषण प्रदान करता है। सूक्ष्मजीव स्थिरीकरण में मदद करते हैं और हवा और मिट्टी से घुलनशील गतिविधि द्वारा गतिशीलता में भी मदद करते हैं। पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक 3 तत्व मिट्टी के माध्यम से नाइट्रोजन, पोटाश और फास्फोरस हैं। जी-एनपीके जैविक कीटनाशक साल दर साल भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ाकर इसकी पूर्ति करता है।
जी-एनपीके से उपचार करने से जी-एनपीके में मौजूद सूक्ष्मजीवों की मदद से मिट्टी में नाइट्रोजन, पोटाश और फास्फोरस का निरंतर उत्पादन सुनिश्चित होता है।ये सूक्ष्मजीव अपना जीवन पूरा करने के बाद मिट्टी को इंडोल और ब्यूटाइल एसिड में परिवर्तित करके उसकी उर्वरता बढ़ाने में मदद करते हैं।
बीज उपचार के लिए: 5 से 10 मिलीलीटर जी-एनपीके को 1 किलोग्राम बीज में मिलाएं, फिर बीजों को प्रति एक लीटर पानी में 30 मिनट के लिए छाया में भिगो कर रखे।
मृदा का उपचार: प्रति 100 किलोग्राम 25 लीटर पानी में 250 मिलीलीटर जी-एनपीके डालें। गीली मिट्टी में गोबर/वर्मी कम्पोस्ट मिलाकर पौधों की जड़ों में डालें।
स्प्रे के लिए: 200 मिलीलीटर जी-एनपीके मिश्रण को 25 लीटर पानी या 2 मिलीलीटर में डालें। 10 दिन बाद दोबारा छिड़काव करें।
Not: गैलवे कृषम के सभी जैविक उत्पाद की खासियत यह है कि ये ईको फ्रेंडली हैं और मनुष्यों, पशुओं, पक्षियों तथा पर्यावरण के लिए बिल्कुल हानिकारक नहीं हैं।
यह भी पढ़े: धान की जैविक नर्सरी एवं रोपाई कैसे करें? गैलवे कृषम के जैविक उत्पादों के साथ।
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए जुड़े रहे कृषि जागृति चलो गांव की ओर के व्हाट्सएप ग्रुप से। धन्यवाद