ओडिशा की दो आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया 36 और सुबासा मोहंता 45 इस सप्ताहांत में राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाले G 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाली हैं। रायमति और सुबासा सम्मेलन में शामिल होकर वैश्विक नेताओं और G 20 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को मोटे अनाजों की खूबियां बताएंगी। साथ ही मोटे अनाजों की खेती के अपने अनुभव साझा करेंगी।
ओडिशा के कोरापुट जिले के कुंडुरा ब्लॉक के अंतर्गत नुआगुडा गांव की रहने वाली रायमती ने मोटे अनाज की 124 किस्मों को संरक्षित किया है। ओडिशा कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने देशी धान की लगभग 72 किस्मों और मोटे अनाज की 6 किस्मों को संरक्षित किया है। उन्होंने जिले में पारंपरिक धान और बाजरा की खेती को बढ़ावा देकर अपनी पहचान बनाई हैं।
पारंपरिक खेती में उनके योगदान के लिए उन्हें कई बार सम्मानित किया जा चुका है। मयूरभंज जिले के जशीपुर के गोइली गांव की निवासी सुबासा मोहंता ओडिशा मोटा अनाज मिशन की सफलता पर बात करेंगी। सुबासा की यात्रा 2017 में ओडिशा मिलेट्स मिशन के शुभारंभ के साथ शुरू हुई। वह राज्य सरकार के समर्थक से बाजरा मिशन योजना में सक्रिय रूप से शामिल हो गई और शुरुआत में लगभग एक एकड़ भूमि पर रागी की खेती करने के बाद उन्होंने धीरे धीरे अपनी खेती को आठ एकड़ तक बढ़ा दिया।
सुबासा के मुताबिक मोटे अनाज की खेती पारंपरिक धान की खेती की तुलना में बेहतर रिटर्न प्रदान करती हैं। मोटे अनाज की खेती करके आज वह एक संपन्न किसान बन गई हैं। मोटे अनाज की खेती में सफलता से उन्होंने जिले में अपनी खास पहचान बनाई और अन्य महिलाओं को प्रेरित किया। सुबासा को पहले भी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न सम्मानों से नवाजा जा चुका हैं।
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