केंद्र सरकार ने महंगाई पर काबू पाने के लिए एक मजबूत योजना बना ली है। इसके तहत अतिरिक्त 25 लाख टन गेहूं एफ.सी.आई के माध्यम से ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओ.एम.एस.एस) के तहत बेचा जाएगा। सरकार का कहना है कि बाजारों में गेहूं की आपूर्ति बढ़ने से आटे की कीमत कम हो सकती है, जिससे खाद्य आपूर्ति सस्ती हो जाएगी।
खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से जनवरी और मार्च 2024 के बीच 2.5 मिलियन टन अतिरिक्त गेहूं बेचने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि एफ.सी.आई ने अब तक साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से प्रोसेर्स को 4.46 मिलियन टन अनाज बेचा है।
एफ.सी.आई ने तत्काल प्रभाव से ई-नीलामी के माध्यम से पेश की जाने वाली साप्ताहिक मात्रा को 3 लाख टन से बढ़ाकर 4 लाख टन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इससे खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ेगी। सरकार का मानना है कि इससे मंडियों में गेहूं की आपूर्ति बढ़ेगी और रिटेल मार्केट में आटे की कीमतें कम होंगी।
इससे खाद्य पदार्थ सस्ते हो जाएंगे और महंगाई भी कम हो जाएगी। इस फैसले के बाद आटे की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। वर्तमान में, आटे की कीमतें पिछले साल की तुलना में काफी अधिक हैं। सरकार का यह कदम महंगाई को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह देखना होगा कि यह कदम कितने कारगर साबित होता है।
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