कीट पतंगों एवं मच्छरों का होना कई तरह के रोगों को दावत देने के समान है। मच्छर एवं विभिन्न कीटो से छुटकारा पाने के लिए बाजार में इन दिनों कई तरह के रासायनिक कीटनाशक उपलब्ध हैं। लेकिन इन हानिकारक रसायन युक्त पदार्थों का इस्तेमाल दुधारू पशुओं की सेहत पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता हैं। ऐसे में कुछ जैविक तरीको को अपनाना एक बेहतर विकल्प होगा।
कई ऐसे वृक्ष एवं पौधे है जिनसे हम मच्छर, मक्खियों और कीटो को बड़ी सरलता से भगा सकते हैं। तो आइए जानते है कृषि जागृति के इस पोस्ट के मध्यम से प्राकृतिक, जैविक तरीके से कीटो को भगाने के बारे में विस्तार से!
नीम: नीम प्राकृतिक ओषधियो में शामिल हैं। इसके साथ ही नीम अपने कीटनाशक गुणों के कारण भी काफी महत्वपूर्ण हैं। इसकी पत्तियो को जरा कर धुआ करने से मच्छरों को आसानी से भगाया जा सकता हैं।
गुलदावदी: गुलदावदी के सूखे फूलों को जला कर धुआं करना भी मच्छर मक्खियों को दूर करने का एक कारगर जैविक उपाय हैं।
गेंदा: हमारे देश में गेंदा की खेती बड़े पैमाने पर की जाती हैं। यह एक अच्छा प्राकृतिक कीटनाशक है जो मच्छरों को भगाने के कारगार है।
तुलसी: तुलसी के पते मच्छर के लारवा को नष्ट करने में काफी मददगार साबित होते हैं।
नींबू: नींबू, संतरा, मोसंबी जैसे नींबू वर्गीय फलों के छिलके में डी लिमोनेन नामक पदार्थ पाया जाता हैं। इसकी तेज गंध मच्छरों एवं अन्य कीटो को दूर भगाने में काफी सहायक है।
प्राकृतिक विधि से कीटो को कैसे भगाए!
इसके लिए सबसे पहले 100 ग्राम नीम की सुखी पतियां, 100 ग्राम गेंदा के फूल एवं पतिया, 200 ग्राम गुलदावदी के फूल, 100 ग्राम तुलसी की सुखी पत्तियां, फूल एवं टहनियां, 50 ग्राम गुलाब का फूल, 100 ग्राम नींबू या संतरे का सूखा हुआ छिलका, 100 ग्राम आम की सुखी हुई पत्तियों को सीमेंट या लोहे के पात्र में जला कर धुआं करें।
इसके बाद 5 से 10 मिनट तक पशु आवास के दरवाजे, खिड़कियों के साथ पंखे एवं बल्ब बंद करके धुआं होने दे। लगभग 10 मिनट बाद धुंए वाले पात्र को बाहर निकालने के 15 मिनट तक सभी दरवाजे खिड़कियों को बंद रहने दे। इसके बाद दरवाजे खिड़कियों को खोल कर पंखा चला कर धुआं बाहर निकले। कुछ ही देर में कीट पतंगे बाहर निकल जाएंगे।
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