2024 के अंतरिम बजट में केंद्रित रणनीति के साथ ‘आत्मनिर्भर तिलहन अभियान’ की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है। सरकार सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने की रणनीति बनाएगी। तिलहन की अधिक उपज देने वाली किस्मों के लिए अनुसंधान, आधुनिक तकनीक को प्रोत्साहन, बाजार संपर्क, खरीद, मूल्य-वर्धन और फसल बीमा को शामिल किया जाएगा। भारत में तिलहन का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। फिर भी तिलहन का सबसे बड़ा आयातक देश भी है। केंद्र का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में दलहन में भी आत्मनिर्भर बनने का है।
तेल आयात बिल कम करने में मिलेगी मदद
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने तिलहन क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे प्रमुख तिलहनों को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार की योजना का स्वागत किया है। उन्होने कहा कि इस कदम के सही कार्यान्वन से देश को तेल आयात बिल कम करने में काफी मदद मिलेगी।
आत्मनिर्भर तेल बीज अभियान’ एक दूरदर्शी रणनीति है। भारत सालाना लगभग 150 लाख टन खाद्य तेल का आयात करता है, जिसका मूल्य 1.35 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। अब देखना ये है कि क्या इस योजना से किसानों को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाता है की नहीं। जैसा की सरकार ने बोला है। अब हम अपने किसान भाइयों की राय जानने चाहते हैं। कृषि जागृति को WhatsApp कर अपनी राय बता सकते हैं।
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