कृषि क्षेत्र को पहले से ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए हमारी सरकार और देश के वैज्ञानिक लगातार नए-नए प्रयोग कर रहे है। फसलों की पैदावार बढ़ाने से लेकर मिट्टी की उर्वरक क्षमता को मजबूत करने के लिए काम हो रहा है। वैज्ञानिकों द्वारा प्रकृति में मौजूद तत्वों का इस्तेमाल करके ऐसे प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं जिससे किसान अच्छी पैदावार प्राप्त कर सके। आज हम कृषि जागृति के इस पोस्ट के माध्यम से आपको ऐसे दो जैविक खाद के बारे में बताएंगे जिसके इस्तेमाल से अधिक उत्पादन और मिट्टी में सुधार कर सकते हैं।
जी-सी पावर और जी-प्रोम एडवांस जो गैलवे कृषम ब्रांड से बना समुद्री शैवाल जैविक खाद है, जो फसलों की पैदावार बढ़ाने में मददगार साबित हुआ है। समुद्री शैवाल के पोषक तत्व नाइट्रोजन और फास्फोरस में अपेक्षाकृत कम होते हैं, लेकिन इसमें लगभग 60 अन्य ट्रेस तत्व होते हैं, साथ ही साथ फंगल और रोग निवारक भी होते हैं। जैविक खाद के लिए किसान अपने खेतों में समुद्री शैवाल का उपयोग करने से मिट्टी की स्थिरता में सुधार होता है और रेतीले या दानेदार मिट्टी में पानी की अवधारण बढ़ जाती है और इसे शीर्ष या साइड ड्रेसिंग के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
जी-सी पावर और जी-प्रोम एडवांस समुद्री शैवाल से बना गैलवे कृषम ब्रांड का जैविक खाद किसान आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट में 10 किलोग्राम जी-सी पावर, जी-प्रोम एडवांस को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में मिट्टी उपचार के लिए या फसलों पर कर सकते हैं।
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