पंजाब जिले के अबोहर के दलमीरखेड़ा गांव में गेहूं की फसलों पर गुलाबी सुंडी के प्रकोप ने किसानो की चिंता बढ़ा दी है। खेतों में लगी गेहूं की फसलों पर भी गुलाबी सुंडी ने हमला करना शुरू कर दिया है और किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है। तापमान बढ़ने के कारण गेंहू की फसल पर सैनिक व गुलाबी सुंडी का हमला हुआ है, लेकिन घबराने वाली कोई बात नहीं है। इसे कीटनाशक के इस्तेमाल से खत्म किया जा सकता है। वैसे तो यह सर्दी बढ़ने के साथ ही खुद ब खुद खत्म हो जाएगी। किसानों को भयभीत होने की कतई जरूरत नहीं है।
ऐसे करें गेहूं की फसल पर लगे गुलाबी सुंडी कीट पर नियंत्रण
गेहूं की फसल में लगे गुलाबी सुंडी कीट की रोकथाम के लिए 7 से 10 दिनों के अंतराल पर नीम से बने जैविक कीटनाशक का छिड़काव करते रहना चाहिए। बेहतर होगा की ये कार्य किट लगने के शुरुआती चरण में किया जाएं। जिससे ज्यादा से ज्यादा फसल को क्षति न हो नहीं तो प्रकोप बढ़ जाने पर नियंत्रण करना काफी मुसकिल हो सकता है। इसलिए आप अपनी फसलों का निरंतर निरक्षण करते रहे ताकि आपको कोई रोग व किट की लगने की समस्या दिखाई देती है तो तुरंत जैविक नियंत्रण कर सके बिना समय गवाएं।
नीम आधारित कीटनाशक को 15 लीटर पानी के टैंक में 15 से 20 मिली घोलकर गेहूं की फसल पर छिड़काव करें। किसान चाहें तो विशेषज्ञों की सलाह से रासायनिक कीटनाशक का भी छिड़काव कर सकते हैं लेकिन कब जब ये किट तीव्र गति से फैल रहे हो।
सबसे बेहतर होगा की आप अपने खेत में फेरोमैन ट्रैप लगाकर कीटों को काफी हद तक कीड़ों की समस्या से निजात पा सकते हैं, या अगर आपकी गेहूं की फसल पर इस किट का आक्रमण नहीं हुआ है तो आप इन किट को गेहूं की फसल में लगने से रोकने के लिए 15 से 20 मिली जी-बायो फास्फेट एडवांस को 15 लीटर पानी के टैंक में मिला तुरंत स्प्रे करें। बेहतर परिणाम के बीच एक सप्ताह के बाद पुनः स्प्रे करें।
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