गेहूं की बुआई के लिए भारतीय कृषि मैं एक महत्वपूर्ण चरण है, जो खाद्य सुरक्षा और किसानों की आजीविका के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। पिछले कुछ दशकों में कृषि तकनीकों मै आधुनिक कृषि यंत्रों और उपकरणों का उपयोग तेजी से बढ़ा है, जिससे खेती का काम सरल, समय कम और अधिक उत्पादक हो गया हैं।
गेहूं की बुआई करने के लिए भी कई तरह के आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हैं, जो किसानों की मेहनत को कम करने के साथ-साथ फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को भी बढ़ाते हैं। कृषि जागृति के इस पोस्ट में हम गेहूं की बुआई करने के लिए सबसे उपयोगी आधुनिक कृषि यंत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
गेहूं की बुआई को आसान बनाने के लिए कुछ बेहतरी आधुनिक कृषि यंत्र
जीरो टिल सीड ड्रिल मशीन: जीरो टिल सीड ड्रिल एक आधुनिक कृषि उपकरण है। जिसके उपयोग से मिट्टी की जुताई किए बिना गेहूं की सीधी बुआई की जा सकती हैं। यह यंत्र उन किसानों के लिए बहुत उपयोगी है, जिनके पास खेती का समय कम होता हैं या जिनकी मिट्टी में बार-बार जुताई करने से पोषक तत्वों कि कमी होने लगती हैं।
इस मशीन में कॉल्टर्स की एक श्रृंखला होती हैं जो मिट्टी की सतह पर अवशेषों को काटती हैं और बीज के लिए एक स्लॉट बनती हैं। फिर बीज को स्लॉट में रखा जाता हैं और मिट्टी से ढक दिया जाता हैं।
इस यंत्र का उपयोग करने से मिट्टी की ऊपरी परत को नुकसान नहीं पहुंचता हैं, जिससे नमी संरक्षित रहती हैं और जल संरक्षण भी बेहतर होता हैं। इस मशीन के द्वारा पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत तेजी से गेहूं की बुआई की जा सकती हैं।
सुपर सीडर मशीन: यह एक आधुनिक कृषि यंत्र है। यह पराली की समस्या से निजात पाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं। इस यंत्र के द्वारा 10 से 12 इंच तक की ऊंची धान की पराली को केवल बार-बार जुताई कर के गेहूं की बुआई की जा सकती हैं। इस मशीन में रोटावेटर, रोलर एवं फर्टिसिडड्रल लगा होता हैं।
इस यंत्र के आगे लगा रोटावेटर खेत में मौजूद पराली को काट कर मिट्टी में मिलाता है। रोलर मिट्टी को समतल करने में सहायक हैं। इस मशीन के पीछे लगे सीड ड्रिल से हम गेहूं की बुआई भी कर सकते हैं। इसकी मदद से खेती की तैयारी ओर बुआई में होने वाले खर्च मै 50 प्रतिशत तक कमी आती हैं।
सीड ड्रिल मशीन: सीड ड्रिल बुआई की एक आधुनिक उपकरण है। जिसका उपयोग गेहूं की बुआई में किया जाता हैं। इसके द्वारा बीज को खेत में समान दूरी पर ओर एक समान गहराई में डाला जा सकता हैं।
जिससे बीज की बर्बादी कम होती हैं और फसल की उत्पादकता बढ़ती हैं। सीड ड्रिल मशीन से बीज के बीच समान दूरी निर्धारित की जा सकती हैं, जिससे पौधो को बढ़ने के लिए प्रयाप्त जगह मिलती हैं। इसके अलावा, यह मशीन समय और मानव श्रम की बचत करती हैं और परंपरागत बुआई की तुलना में समय की भी काफी बचत होती हैं।
हैप्पी सीडर मशीन: हैप्पी सीडर रोटर एवं जीरो टिलेज ड्रिल का मिश्रण है। इस यंत्र मैं आगे की तरफ रोटावेटर यूनिट लगा होता हैं जो धान की पराली को मिट्टी में दबाने के साथ खेत में क्यारियां तैयार करता हैं। इसके साथ ही इसमें जीरो टिलेज मशीन लगी है जिससे खेत के बिना जुताई किए ही गेहूं की सीधी बुआई की जा सकती हैं।
इस यंत्र मैं दो बॉक्स बने होते हैं जिनमे खाद एवं बीज अलग अलग भरा जाता हैं। इसे ट्रेक्टर के साथ चलाया जाता हैं। हैप्पी सीडर कृषि यंत्र के द्वारा 1 दिन में लगभग 6 से 8 एकड़ खेत की बुआई बड़ी आसानी से की जा सकती हैं। पराली प्रबंधन के लिए भी यह बहुत लाभदायक है।
रिजर सीडर मशीन: रिजर सीडर मशीन का उपयोग खेत में उभरी हुई क्यारियों (रिज) पर बुआई के लिए किया जाता हैं। यह यंत्र बुआई और क्यारियों को तैयार करने का काम एक साथ करता हैं, जिससे समय ओर श्रम की काफी बचत होती हैं।
रिजर सीडर का उपयोग उन क्षेत्रों में फायदेमंद होता हैं, जहां पानी का ठहराव या अधिक जल जमाव की समस्या होती हैं। क्यारियों पर बुआई करने से फसल को अतिरिक्त जल से बचाया जा सकता हैं। ओर पौधो की जड़ों को आवश्यक ऑक्सीजन मिलती रहती हैं।
स्मार्ट सिंडिंग मशीन: स्मार्ट सिंडिंग एक नई तकनीक आधारित यंत्र है, जो स्टिल बुआई और खेत की निगरानी करने में सक्षम हैं। यह मशीन जीपीएस और सेंसर तकनीक का उपयोग करके बुआई के दौरान बीज की स्थिति, गहराई ओर मात्रा को काफी अच्छे से नियंत्रित करता हैं।
स्मार्ट सिंडिंग मशीन से बुआई करने पर बीज की बर्बादी को रोका जा सकता हैं और उत्पादन में सुधार किया जा सकता हैं। इसके साथ ही, यह मशीन मिट्टी की नमी और पोषक तत्वों की स्थिति का भी आकलन कर सकता हैं, जिससे किसान को बेहतर निर्णय लेने में सहायक मिलती हैं।
स्वचालित बीज ड्रिल मशीन: स्वचालित बीज ड्रिल मशीन एक आधुनिक कृषि मशीन है जिसका उपयोग स्वचालित रूप से गेहूं बोने के लिए किया जाता हैं। स्वचालित बीज ड्रिल बड़े खेतो वाले क्षेत्रों में गेहूं की बुआई के लिए एक बेहतरीन मशीन है। बुआई के समय इस मशीन का उपयोग करने से मजदूरों पर होने वाले खर्च मै कमी आती हैं। इसके साथ ही मानव श्रम एवं समय की भी बचत होती हैं।
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