जैविक खेती

मक्के के खेत में खरपतवार प्रबंधन करने के ये है बेहतर जैविक उपाय!

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krishijagriti5

फसल चाहे कोई भी हो खरपतवार की अधिकता से पैदावार में कमी आ ही जाती हैं। अन्य सभी फसलों की तरह मक्के के खेत में भी खरपतवारो के कारण पैदावार में काफी भारी कमी आती हैं। अगर समय रहते खरपतवारो पर नियंत्रण नहीं किया गया तो, इसलिए समय रहते नियंत्रण करना बेहद जरूरी है। अगर आप भी मक्के की खेती किए हैं तो मक्के के खेत में भी कई तरह के खरपतवार उगते होंगे। इनसे निजात पाने के लिए कृषि जागृति के इस पोस्ट से नियंत्रण करने के जैविक उपाएं यहां से जान सकते हैं।

निराई गुड़ाई: मक्के के खेत में निराई गुड़ाई करने से खरपतवार पर नियंत्रण पाने के लिए सबसे सरल और सहज उपाय है। बुआई से लेकर कटाई तक कम से कम 2 से 3 बार मक्के के खेत में निराई गुड़ाई अवश्य करें। इससे खरपतवारो की संख्या में कमी आएगी। साथ ही पौधों का विकाश भी अच्छी तरह से होगा।

खरपतवार नाशक: मक्के की फसल में खरपतवार पर नियंत्रण करने के लिए कई तरह के खरपतवार नाशक उपलब्ध है। प्रति एकड़ खेत में 500 ग्राम से 800 ग्राम एंट्राजिन के छिड़काव से खरपतवार पर नियंत्रण किया जा सकता हैं। एंट्राजीन के अलावा खेत में एलाफ्लोर 50 प्रतिशत ई सी का भी छिड़काव कर सकते हैं। खड़ी फसल में लॉडिस नामक खरपतवार नाशक का छिड़काव करने से भी सभी तरह के खरपतवारो से छुटकारा मिलता हैं।

लेकिन ध्यान रहे इन खरपतवारों से फसल को नुकसान भी हो सकता है अगर इनका इस्तेमाल सही मात्रा में किया जाएं। इसलिए हो सके तो खरपतवार पर नियंत्रण करने के लिए निराई गुड़ाई व किसी मिनी टूल्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे फसल की ग्रोथ भी होगी और पैदावार में वृद्धि भी होगी।

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