मक्का, चावल और गेहूं के बाद तीसरी सबसे महत्वपूर्ण खाद फसल जो है वो है मक्का का उत्पादन। इसकी खेती मुख्य रूप से खरीफ मौसम के दौरान किया जाता हैं। मनुष्यो के लिए मुख्य भोजन और पशुओं के लिए गुणवतापूर्ण चारे के अलावा मक्का और भी कई ओद्योगिक उत्पादों जैसे दवा, कॉस्मेटिक, कपड़ा, कागज आदि के निर्माण में भी इस्तेमाल किया जाता हैं।
मक्के की खेती करने के लिए उन्नत किस्म का चयन महत्वपूर्ण कदमों में से एक है जिसके लिए वातावरण के आधार पर सही किस्म का चयन करना जरूरी होता हैं। इसके लिए कई किस्मे प्रायोगिक विधि से गुजरती है। क्योंकि यह निर्णय पैदावार प्राप्त करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। मक्के की उन्नत किस्में का चयन करते समय उपज क्षमता के साथ ही चमकदार दाने और फलों के आकार जैसे गुणों पर प्राथमिकता दी जाती हैं। ऐसे में आप देहात के ये तीन किस्में सभी पहलुओं पर खरी उतरती हैं।
हाइब्रिड कॉर्न सरदार: यह पंजाब, उतर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, जैसे क्षेत्रों के लिए एक उपज वाली संकर किस्म है, जिसे विशेष रूप से जायद के मौसम के लिए तैयार किया गया है। यह किस्म अधिक दानों के साथ ही सघन डंठल बनाती हैं। मक्के का वजन सामान्य किस्मों से अधिक होता है। इस किस्म की खास विशेषता यह है कि फसल कटाई के समय पर भी यह हरी होती है। जिसके कारण इसके फल तुड़ाई के बाद पशुओं के चारे के लिए प्रयोग में लिया जा सकता है। इस किस्म को अधिक गर्मी में देरी से की गई जायद की बुआई में भी आप किसान इस किस्म से भरपूर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
हाइब्रिड कॉर्न जंप 1981: यह संकर किस्म है जो रबी मौसम के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है। इस किस्म को बिहार, महाराष्ट्र, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और असम के क्षेत्रों के अनुरूप तैयार की गई है। चमकदार दानों के साथ अधिक फल आना इस किस्म की मुख्य विशेषता है।
हाइब्रिड कॉर्न डी एच एम 7150: इनपुट प्रबंधन के लिए उतरदायी यह संकर किस्म रबी मौसम के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है।चमकदार दानों के साथ यह किस्म अधिक फलों का निर्माण करती हैं। इस किस्म को बिहार, महाराष्ट्र, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ ,पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम क्षेत्र और असम जैसे क्षेत्रों की जलवायु को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
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