दुनिया के 48 देशों में 23.8 करोड़ लोग गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं। इनमें से 3 करोड़ लोग खाद्य की आपातकालीन स्थिति की चुनौतियों को झेलने को विवश हैं। इसके साथ ही खाद्य संकट से उबरने में जल की कमी ने चिंता को और भी बढ़ा दिया है। जलवायु परिवर्तन के कारण गर्म मौसम और सूखे ने पानी की कमी एवं खाद्य निर्यात पर रोग ने विभिन्न देशों की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। विश्व बैंक की खाद्य सुरक्षा अपडेट रिपोर्ट ने ऐसे शीर्ष 10 देशों की सूची जारी की है, जो खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहें हैं।
इन देशों में, कांगो में 2.58 करोड़, नाइजीरिया में 2.49 करोड़, सूडान में 2.03 करोड़, इथियोपिया में 1.9 से 1.99 करोड़, अफगानिस्तान में 1.99 करोड़ शामिल हैं। इसके अलावा यमन में 1.7 से 1.79 करोड़, बांग्लादेश में 1.19 करोड़, पाकिस्तान में 1.18 करोड़, दक्षिण सूडान में 78 लाख और सोमालिया में 66 लाख लोग गंभीर आहार संकट का सामना कर रहे हैं। और भारत में तो पूछों ही मत यहां तो जितने कहे उतना कम ही है जो लोग खाद संकट से जूझ रहे है।
प्रतिवर्ष बढ़ रहे हैं आहार से वंचित लोग
खाद और कृषि संगठन (एफ.ए.ओ) की इस वर्ष की जारी रिपोर्ट के अनुसार 2022 में दुनिया भर में 78.3 करोड़ लोग भुखमरी से ग्रसित थे। खाद्य असुरक्षा में रहने वाले लोगों की संख्या 2019 में 25.3 प्रतिशत से बढ़कर साल 2022 में 29.6 प्रतिशत हो गई है। वर्ष 2019 की तुलना में देखें तो 18 करोड़ अधिक लोग जलवायु परिवर्तन एवं जल की समस्या के कारण गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहें हैं।
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