गुजरात की सूरत मंडी में 16 से 23 नवंबर के दौरान मूंगफली की कीमतों में 500 रुपए प्रति क्विंटल यानी कि 11 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली। 16 नवंबर को मूंगफली का भाव 4,500 रुपए प्रति क्विंटल था, जो 23 नवंबर को बढ़कर 5,000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। केंद्र सरकार द्वारा खरीफ सीजन 2023-24 के लिए मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6,377 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। मंडियों में खरीफ की नई फसल की आवक शुरू हो गई हैं।
गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों ने किसानों से निर्धारित समर्थन मूल्य पर मूंगफली की खरीद शुरू कर दी हैं। पिछले साल भर के दौरान (नवंबर 22- नवंबर 23) मंडियों में कुल 20.7 लाख टन मूंगफली की आवक हुई, जो उससे पिछले साल के इसी अवधि के दौरान के 22.3 लाख टन की तुलना में 7 प्रतिशत कम हैं। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के अनुसार, 2022-23 के दौरान मूंगफली का निर्यात पिछले साल के 5.14 लाख टन से 30 प्रतिशत बढ़कर 6.68 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष में इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से मूंगफली के लिए मजबूत निर्यात मांग देखने को मिल रही है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा रबी सीजन के दौरान 17 नवंबर तक 1.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मुंगफली की फसल बोई गई है। मुंगफली का रकबा पिछले साल के इसी अवधि के 1.81 लाख हेक्टेयर की तुलना में 21 प्रतिशत घटा है। अनियमित बारिश के कारण गुजरात और अनंतपुर से फसल के नुकसान की खबरे आ रही हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के फसल उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2023-24 के दौरान देश में 78.29 लाख टन मूंगफली का उत्पादन होगा। भारतीय तिलहन उपज एवं निर्यात संवर्धन परिषद के सर्वेक्षण में खरीफ मूंगफली का उत्पादन 68.57 लाख टन रहने का अनुमान जताया गया है, जो कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से कम है। सरकारी खरीद, मजबूत घरेलू और निर्यात मांग और फसल के तहत क्षेत्र में गिरावट जैसे कारणों के चलते अगले 2 से 3 सप्ताह तक मूंगफली की कीमतों में मजबूती रह सकती है। हम किसानों को अगले कुछ हफ्तों में अपनी फसल बेचने का सुझाव देते हैं।
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