कृषि समाचार

न्यूनतम समर्थन मूल्य ने उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत का न्यूनतम मुनाफा सुनिश्चित किया!

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krishijagriti5

भारतीय रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित वर्ष 2023-24 के दौरान खरीफ और रबी दोनो सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ने सभी फसलों के लिए उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत का न्यूनतम लाभ सुनिश्चित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च 2024 तक खाद्यान्न का समग्र सार्वजनिक भंडारण कुल तिमाही भंडारण मानक का 2.9 गुना था।

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023 से 2024 के दौरान खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 5.3 से 10.4 प्रतिशत की वृद्धि की गई, जबकि रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को 2.0 से 7.1 प्रतिशत बढ़ाया गया। खरीफ फसलों में मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई, जबकि रबी फसलों के मामले में मसूर और गेहूं के लिए यह वृद्धि सबसे अधिक रही।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष के दौरान असमान और कमजोर मानसून वर्षा के साथ ही अल नीनो की स्थिति के मजबूत होने के चलते कृषि और संबंध गतिविधियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि आनेवाले दिनों में उत्पादकता में वृद्धि से मोटे अनाज के उत्पादन को लाभ हो सकता हैं।

यह कहना सही नहीं होगा कि एमएसपी ने उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत का न्यूनतम लाभ सुनिश्चित किया है। हालांकि, यह किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य दिलाने और उन्हें लाभकारी रिटर्न सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एमएसपी के प्रभाव जटिल हैं और विभिन्न कारकों पर निर्भर करते हैं।

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