केंद्र सरकार एवं देश के विभिन्न राज्यों की सरकारें किसानों को परंपरागत खेती को छोड़ अन्य फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस क्रम में बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती के लिए अनुदान उपलब्ध कराने के लिए आवेदन मांगे हैं। बिहार सरकार राज्य के चयनित जिलों में औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए चतुर्थ कृषि रोड मैंप के अंतर्गत फसल विविधीकरण योजना चला रही हैं।
इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 500 हैक्टेयर क्षेत्रफल को औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार 3 करोड़ 82 लाख 50 हजार रुपए खर्च करेगी। बिहार सरकार द्वारा किसानों को लेमनग्रास, पमरोजा, तुलसी, शतावरी एवं खस की खेती के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इन फसलों की इकाई लागत 1,50,000 रुपए प्रति हैक्टेयर रखी गई है।
जिस पर लाभार्थी किसान को 50 प्रतिशत या अधिकतम 75,000 रुपए प्रति हैक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा। फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत औषधीय एवं सुगंधित फसलों की खेती पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए बिहार के किसानों को उद्यान निदेशालय की विभागीय वेबसाइट पर जाना होगा। इस योजना से जुड़ी विशेष जानकारी के लिए किसान अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क करें।
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