पशु पालन

ठंड में गर्भवती भैंस की इस तरह करें कुछ खास देखभाल!

Published by
krishijagriti5

गर्भवती भैंस की गर्भावस्था 10 माह 10 दिन तक की होती हैं। इस दौरान मादा पशुओं को अधिक देखभाल की आवश्यकता होती हैं। इस दौरान पशुपालक की जरा सी लापरवाही भी पशुओं के लिए घातक साबित हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान मादा पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए रखे इन बातो का ध्यान।

गर्भवती भैंस की इस तरह करें देखभाल

गर्भकाल के आखिरी 3 महीने में गभिन भैंस का वजन 20 से 30 किलोग्राम तक बढ़ जाता हैं। इसलिए इस समय उन्हें अतिरिक्त पोषक तत्वों कि जरूरत होती हैं। गर्भावस्था में मादा भैंस को दौड़ने या अधिक चलने से बचाए।

इस दौरान गर्भवती भैंस को फिसलन वाले स्थान पर न ले जाए। मादा भैंस को चरने के लिए ज्यादा दूर तक न लें जाएं। गर्भवती भैंस के रहने की अलग व्यवस्था करें। उन्हें शांत सुखा एवं हवादार स्थान पर रखें।

गर्भावस्था के 9 वे या 10 वे महीने से गाभिन भैंस का दूध निकलना बंद करे। गभिन भैंस को प्रति दिन 75 से 80 लीटर स्वच्छ व ताजा पानी पिलाएं। प्रसव के बाद मादा भैंस एवं नवजात पशु को स्वच्छ एवं नरम कपड़े से साफ करें। प्रसव के बाद पशु को गुनगुना पानी पिलाएं।

यह भी पढ़े: इस तकनीक की मदद से पशुपालकों का बढ़ेगा मुनाफा और घटेगी दूध की लागत!

जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती से संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें।

Share