धान गेंहू की खेती करने वाले किसान खेती को लगातार घाटे का सौदा बता रहे हैं। सिंचाई, बीज और खाद के बढ़ते दाम और फसलों को बेचने के लिए आसान और सुलभ साधन न होने के कारण उनकी परेशानी लगातार बढ़ रही है। इन समस्याओं से सहमत होने के बाद भी कृषि वैज्ञानिकों का … [Read more...]
पपीते के बैक्टीरियल क्राउन रोट रोग को कैसे करें प्रबंधित?
पपीते में बैक्टीरियल क्राउन रोट के प्रभावी प्रबंधन में निवारक और नियंत्रण उपायों का संयोजन शामिल है। यहां कई प्रमुख रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं जैसेपौधों की प्रतिरोधी किस्में: पपीते की ऐसी किस्मों का चयन करें जो बैक्टीरियल क्राउन रॉट के प्रति … [Read more...]
पपीते के बैक्टीरियल क्राउन रॉट के लक्षण और जीवन चक्र
पपीते के बैक्टीरियल क्राउन रॉट एक गंभीर बीमारी है जो पपीता (कैरिका पपीता) को प्रभावित करती है, जो आर्थिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण उष्णकटिबंधीय फल फसलों में से एक है। यह रोग विभिन्न जीवाणु रोग जनकों, मुख्य रूप से इरविनिया प्रजातियों के कारण होता है। … [Read more...]
पपीता की किस्में और उनके उत्पादन तकनीक को जानिए।
पपीता की देशी और विदेशी अनेक किस्में उपलब्ध हैं। देशी किस्मों में राची, बारवानी और मधु बिंदु लोकप्रिय हैं। विदेशी किस्मों में सोलों, सनराइज, सिन्टा और रेड लेडी प्रमुख हैं। रेड लेडी के एक पौधे से 70 से 80 किलोग्राम तक पपीता पैदा होता है। पूसा संस्थान … [Read more...]
पपीता लगाने का सर्वोत्तम समय कौन-कौन सा हैं?
पपीता उष्ण कटिबंधीय फल है। इसकी अलग-अलग किस्मों को साल में तीन बार यथा जून-जुलाई अक्टूबर-नवंबर एवम मार्च अप्रैल में रोपाई किया जा सकता है। लेकिन बिहार में पपीता को जून जुलाई में लगाने की सलाह नही दी जाती है, क्योंकि उस समय मानसून सक्रिय रहता है एवं … [Read more...]