पपीता का तना गलन एक महत्पूर्ण रोग है ,जो बरसात के मौसम में कुछ ज्यादा ही देखने को मिलता है। इस रोग के लिए एक से अधिक रोगकारक जिम्मेदार हो सकते है यथा पाइथियम अफेनिडर्मेटम, राईजोक्टोनिया सोलानी या फाईटोप्थोरा पाल्मीवोरा इत्यादि से फैलता है। तना गलन … [Read more...]
लीफ वेबर किट: आम अमरूद एवं फल वृक्षों के बागों में जाला बनाने वाले किट का प्रबंधन
विगत कई वर्ष से लीफ वेबर किट एक मुख्य कीट के तौर पर उभर रहे है। इससे बागों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। आम के पत्तों वाले लीफ वेबर किट (ओरथागा यूरोपड्रालिस) के कारण होता है। पहले यह कीट आम के कम महत्त्व पूर्ण कीट थे, लेकिन इस वर्ष यह कीट बिहार में एक … [Read more...]
केला का क्राउन रॉट और फिंगर रॉट बीमारी का प्रबंधन कैसे करें?
केला का क्राउन रॉट और फिंगर रॉट रोग ये आम बीमारियाँ हैं जो केले के उपज को प्रभावित करती हैं। इस रोग में केला के बंच (घौद) के हत्थे (हैंड) एवं फिंगर (केला का फल) सड़ने लगते है। इनके सड़ने के लिए एक से अधिक रोग कारक जिम्मेदार हो सकते है। इन बीमारियों … [Read more...]
आम में सूटी मोल्ड रोग-कीट का प्रबंधन कैसे करें?
बिहार के कृषि जलवायु में 15 जून के बाद तोड़े जाने वाले आम के फल में यह समस्या ज्यादा देखी जाती। वातावरण में अत्यधिक नमी के कारण से कीड़ों की जनसंख्या में भारी वृद्धि हो जाती है। समस्या के समाधान के लिए आवश्यक है की कीड़े और सूटी मोल्ड का एक साथ … [Read more...]
आम में अत्यधिक साल्ट की वजह से होने वाले नुकसान को कैसे करें प्रबंधित?
मिट्टी में नमक जमा होने से भी पौधे को नुकसान पहुंचता है। हम सब जानते है कि नमक पानी को कितनी आसानी से सोख लेता है। नमक मिट्टी में समान गुण प्रदर्शित करता है और अधिकांश पानी को अवशोषित करता है जो आमतौर पर जड़ों के लिए उपलब्ध होता है। इस प्रकार, भले ही … [Read more...]