आप जानते हैं कि खीरा में लगभग 96 प्रतिशत तक पानी की मात्रा मौजूद होती है। यही वजह है कि ठंडे तासीर वाले खीरे के सेवन से हमारे शरीर में पानी की कमी तो दूर होती ही है, साथ ही मन भी ताजगी से भर उठता है। भारत में खीरे की खेती बहुत व्यापक रूप से की जाती है।
खीरे की खेती करने वाले कुछ किसानों से बात करने पर हमें पता चला की इन दिनों खीरे की पत्तियों के जलने की समस्या ने किसानों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। किसानों की इस परेशानी को दूर करने के लिए कृषि जागृति के इस पोस्ट में जान सकेंगे कि खीरे की पत्तियों के जलने का कारण और बचाव के जैविक तरीके बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं कृषि जागृति के इस पोस्ट में!
मैग्निसियम की कमी होने पर कई बार खीरे की पत्तियां जली हुई सी नजर आती हैं।
कई बार तो तेज धूप से भी खीरे की पत्तियां जल सकती है।
इसके अलावा खेत में आवश्यकता से अधिक मात्रा में सिंचाई करने से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।
आवश्यकता से अधिक फसल की सिंचाई करने से बचें और खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था कर के रखें।
इस समस्या से खीरे की फसल को बचाने के लिए 150 लीटर पानी में एक लीटर जी बायो फॉस्फेट एडवांस को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करें। बेहतर परिणाम के लिए 10 दिन के बाद पुनः स्प्रे करें।
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अगर आपके खीरे की फसल में कोई भी समस्या उत्पन होती है तो जैविक उपचार के लिए हमें तुरंत WhatsApp पर फसल की पिक और वीडियो साझा कर बेहतर सुझाव प्राप्त कर सकते हैं।