उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक नया जैविक खाद संयंत्र स्थापित किया गया है, जिससे किसानों को पराली जलाने की चिंता नहीं होगी और उन्हें अपनी पराली बेचने का एक नया स्रोत मिल जाएगा। इसके साथ ही पशुओं का गोबर भी खरीदा जाएगा। जिससे जैविक खाद का उत्पादन होगा। इस प्रक्रिया से किसानों को कम लागत पर जैविक खाद उपलब्ध होगी, जिससे उन्हें रासायनिक खाद से मुक्ति मिलेगी और उनकी फसलें भी स्वस्थ रहेंगी।
जिले के उप कृषि निदेशक ने बताया कि इस जैविक खाद प्लांट में धान की पुआल और गोबर का उपयोग कर जैविक खाद बनाई जाएगी। इस उर्वरक को स्थानीय मानकों के अनुसार पैक करके बाजार में पेश किया जाएगा, ताकि किसानों तक इसे आसानी से पहुंचाया जा सके। इससे उन्हें रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम होगी और मिट्टी के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा। इस प्रयास से न केवल किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि समुदाय में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
इस प्लांट से किसानों को कई लाभ होंगे। सबसे पहले, उन्हें पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी। दूसरा, उन्हें अपनी पराली के लिए पैसे मिलेंगे। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी। तीसरा, उन्हें जैविक खाद कम दाम पर मिल जाएगी। इससे उनकी फसलों की पैदावार बढ़ेगी। इस प्लांट से अन्य जिलों के किसानों को भी फायदा होगा। वे भी अपनी पराली और गोबर को इस प्लांट में बेच सकते हैं। इससे उन्हें आर्थिक लाभ होगा और पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी।
यह भी पढ़े: किसानों को नहीं मिल पा रहा गेहूं का बीज, खेती हो रही प्रभावित
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े रहे या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें। धन्यवाद