हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री प्रो.चंद्र कुमार ने कहां कि क्षेत्र में पूंजीगत निवेश की अपार संभावनाएं हैं। यहां पर कोल्ड स्टोर, प्रोसेसिंग प्लांट्स, सोर्टिंग व ग्रेडिंग यूनिट्स, पैकेजिंग यूनिट्स, वेयरहाउस और सप्लाई चेन सम्बन्धी अधोसंरचना आदि क्षेत्रों में निवेश कर लाभ अर्जित किया जा सकता है। कृषि अवसंरचना कोष के माध्यम से प्रदान की जा रही सुविधाओं के दौरान में विविधता लाने के साथ-साथ लाभार्थियों तक इसके लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया को सरल बनाने की आवश्यकता है। कृषि अवसंरचना कोष पर राज्य स्तरीय कांकलेव में उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहां कि कृषि अवसंरचना कोष योजना का लाभ एकल खिड़की मंजूरी के माध्यम से सुनिश्चित किया जाना चाहिए। साथ ही योजना के तहत परियोजनाओं के लिए प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता में बढ़ोतरी करने की आवश्यकता है ताकि इसके व्यावहारिक लाभ लोगों को मिल सके। उन्होंने प्रदेश में सिंचाई अवसंरचना के निर्माण पर भी बल दिया और कहां कि एक मजबूत और आधुनिक सिंचाई व्यव्स्था के विकास से ही कृषि क्षेत्र में सम्पन्नता लाई जा सकती हैं।
गौरतलब है कि अवसंरचना कोष के तहत हिमाचल प्रदेश को 925 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। अब तक कुल 599 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 438 आवेदनों को सत्यापित किया जा चुका है। इनमें से 221 करोड़ रुपए के 224 आवेदनों को विभिन्न बैंको से स्वीकृति मिल चुकी है और 67 करोड़ रुपए लाभार्थियों को प्रदान किए जा चुके हैं। किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए कृषि विभाग के संबंधित कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।
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