कृषि जागृति

एप्पल बेर के अपरिपक्व फलों के पीलापन होकर गिरने का कारण

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krishijagriti5

आजकल उत्तर भारत के कई प्रदेशों में एप्पल बेर की खेती बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रही है। किसान इसकी खेती से बहुत लाभ कमा रहे है। लेकिन इस साल कई प्रदेशों से अपरिपक्व फलों के पीला हो कर गिरने की समस्या से ग्रसित है, किसान जानना चाहता है की इसके कारण क्या है। एप्पल बेर में अपरिपक्व फलों का पीलापन कई कारकों के कारण हो सकता है, जिनमें पोषक तत्वों की कमी, कीट, बीमारियाँ और पर्यावरणीय कारण शामिल हैं। इस समस्या के प्रबंधन के लिए स्वस्थ फलों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए निवारक उपायों और लक्षित हस्तक्षेपों की आवश्यकता है।

पोषक तत्वों की कमी: फलों के पीले होने का एक मुख्य कारण पोषक तत्वों की कमी है। सामान्य कमियों में नाइट्रोजन, आयरन और मैग्नीशियम शामिल हैं। इन कमियों से क्लोरोसिस हो सकता है, एक ऐसी स्थिति जहां अपर्याप्त क्लोरोफिल उत्पादन के कारण पत्तियां और फल पीले हो जाते हैं। उचित मिट्टी परीक्षण से विशिष्ट पोषक तत्वों की कमी की पहचान करने में मदद मिल सकती है।

कीट: कीड़े और घुन एप्पल बेर के फलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे वे पीले पड़ जाते हैं। एफिड्स, स्केल कीड़े और मकड़ी कारण हो सकते हैं। ये कीट पौधों के रस को खाते हैं, जिससे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और फलों के विकास में बाधा आती है।

रोग: फंगल और जीवाणु रोग एप्पल बेर के पेड़ों और उनके फलों को प्रभावित कर सकते हैं। एन्थ्रेक्नोज, पाउडरी मिल्डीव फफूंदी और फल सड़न जैसी बीमारियों के कारण फल पीले पड़ सकते हैं और फल की गुणवत्ता कम हो सकती है।

पर्यावरणीय तनाव: पर्यावरणीय तनाव कारक, जैसे अत्यधिक तापमान, सूखा, या जलभराव, सेब बेर के पेड़ पर शारीरिक तनाव पैदा कर सकते हैं। इस तनाव के परिणामस्वरूप फल पीले पड़ सकते हैं और विकास कम हो सकता है।

PC : डॉ. एसके सिंह प्रोफेसर सह मुख्य वैज्ञानिक(प्लांट पैथोलॉजी) एसोसिएट डायरेक्टर रीसर्च डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर बिहार

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