केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि पिछले तीन वर्षो के दौरान प्रति बूंद अधिक फसल योजना के माध्यम से देश में 30.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाया गया है। जबकि 2015-16 में योजना के शुरू होने के बाद से 2023-24 में अब तक देश में 83.06 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के तहत कवर किया गया है। गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर.के.वी.वाई) के तहत प्रति बूंद अधिक फसल योजना (पीडीएमसी) चलाई जा रही है।
यह योजना सुक्ष्म सिंचाई प्रणालियों के माध्यम से खेत में पानी के उपयोग के बेहतर प्रबंधन को बढ़ावा देती है। इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को सूक्ष्म सिंचाई के लिए 55 फीसदी और अन्य किसानों को 45 फीसदी की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा किसानों को सूक्ष्म सिंचाई अपनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए कुछ राज्य सरकारें अतिरिक्त प्रोत्साहन/टॉप-अप सब्सिडी भी देती हैं।
सुक्ष्म सिंचाई के विस्तार हेतु केंद्र सरकार ने 5,000 करोड़ रुपए के प्रारंभिक निधि के साथ राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के साथ सुक्ष्म सिंचाई कोष (एमआईएफ) बनाया है। इस योजना के तहत किसान सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों के लिए एमआइएफ से ऋण ले सकते हैं। सरकार राज्यों द्वारा लिए गए ऋण पर 3 फीसदी की दर से ब्याज छूट प्रदान करती है, जो पीडीएमसी योजना से पूरी की जाती है।
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