देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य कर्नाटक के कई क्षेत्रों में बेहतर फसल के चलते 2023-24 में देश का काली मिर्च का उत्पादन बढ़ने का अनुमान हैं। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में काली मिर्च की खेती के तहत क्षेत्रफल में वृद्धि से भी उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती हैं।काली मिर्च और मसाला उद्योग से जुड़े किशोर शामजी ने बिजनेस लाइन को बताया कि आंध्र प्रदेश में गुंटूर और तमिलनाडु में नमक्कल, गुड़ालर, यरकौड, कोडइकनाल, कोल्ली हिल्स में काली मिर्च की खेती का रकबा तेजी से बढ़ा हैं।
जिसके चकते इस साल काली मिर्च कि उत्पादन बढ़कर 70,000 टन तक पहुंच सकता है। मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 के दौरान काली मिर्च कि उत्पादन 64,000 टन रहा था, जो पिछले साल के 70,000 टन से कम है। आपको बता दें कि साल 2018-19 से देश के काली मिर्च उत्पादन में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही थी, जिसपर पिछले साल ब्रेक लगा था, और उत्पादन में कमी आई थी। हालांकि, इस साल फिर से उत्पादन में बढ़ोतरी होने का अनुमान हैं।
काली मिर्च कि उत्पादन बढ़ने से किसानों और व्यापारियों को लाभ होगा। यह भारत के कृषि क्षेत्र और निर्यात में भी योगदान देगा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि काली मिर्च कि उत्पादन 70,000 टन तक नहीं पहुंच पाएगा। उनका कहना है कि पिछले साल के उत्पादन में कमी के कारण इस साल उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना नहीं है। कुल मिलाकर, 2023 में भारत में काली मिर्च का उत्पादन बढ़ने की संभावना है। हालांकि, उत्पादन की वास्तविक मात्रा अभी भी स्पष्ट नहीं है।
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