कृषि यंत्र

ड्रोन से फसलों पर स्प्रे करने से पहले रखे इन बातों का खास ध्यान!

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krishijagriti5

भारत के लाखो किसानों ने कृषि मैं आधुनिक उपकरणों के महत्व को समझते हुए कई हाईटेक यंत्रों एवं डिजिटल ऐप का इस्तेमाल करने लगे हैं। इन आधुनिक यंत्रों में ड्रोन भी सामिल है। आपको बता दें कि ड्रोन एक ऐसा उड़ने वाला यंत्र है। जिसे रोमोट एवं बिजली से चार्ज होने वाले बैटरी के द्वारा नियंत्रित किया जाता हैं।

बात करे कृषि क्षेत्र में ड्रोन से होने वाले फायदों की तो इसके द्वारा खेत की फोटो खींचना , फसलों का निरक्षण, उर्वरक एवं पोषक तत्वों का छिड़काव, कम वजन के समान को एक जगह से लेकर दूसरे जगह पहुंचना जैसे कई छोटे बड़े कार्यों को बहुत कम समय एवं श्रम मैं बड़ी आसानी से किया जा सकता हैं।

कृषि क्षेत्र में ड्रोन के प्रयोग से होने वाले फायदे!

ड्रोन का इस्तेमाल करके किसान घर बैठे अपनी खेत में लगे फसलों का निरीक्षण कर सकते हैं। इस यंत्र के द्वारा कुछ ही मिनटों में खेत में खाद उर्वरक एवं पोषक तत्वों का छिड़काव किया जा सकता हैं। इस आधुनिक कृषि यंत्र के द्वारा हम मिट्टी के स्वास्थ्य के साथ मिट्टी के कटाव एवं बीज के अंकुरण पर भी निगरानी रख सकते हैं।

इसके अलावा खाद उर्वरक एवं जैविक कीटनाशकों के छिड़काव के लिए मजदूरों की कोई आवश्यकता नहीं होती हैं। जिससे मजदूरों पर होने वाले खर्च मैं कमी आती हैं। विभिन्न कृषि कार्यों में समय की बचत होती हैं।

इसके द्वारा फसलों पर स्प्रे करने से समय की काफी बचत होती हैं। पेड़ पौधो के बीज एवं अन्य कठिन क्षेत्रों में भी आसानी से छिड़काव किया जा सकता हैं। दवाओं के सटीक छिड़काव से दवाएं बरबाद नहीं होती हैं। फसल की उत्पादकता बढ़ती है।

कृषि क्षेत्र मैं ड्रोन इस्तेमाल करने से पहले रखे इन बातो का खास ध्यान!

खेत अगर हवाई अड्डे या इलेक्ट्रॉनिक स्टेशन के आस पास है तो आपको ड्रोन का इस्तेमाल करने से पहले नगर विमानन महानिदेशालय ! (डीजीसीए) से अनुमति लेनी होगी।

पानी को दूषित होने से बचाने के लिए ड्रोन से जहरीले कीटनाशकों का छिड़काव करते समय इस बात का भी खास ध्यान रखे कि कम से कम 100 मीटर की दूरी तक पानी का स्रोत न हो। अगर हो सके तो इस यंत्र से जहरीले कीटनाशक का फसलों पर स्प्रे करने से बचे!

आस पास के खेत में काम कर रहे किसान, मजदूर एवं पशुओं को हानिकारक रसायनों से बचाने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल करने से 1 दिन पहले सभी को सूचित करें। इस यंत्र को इस्तेमाल करते समय हवा की दिशा का विशेष ध्यान रखें।

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