केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा बताया गया है कि धान की कटाई का मौसम अब समाप्त हो गया है और पिछले 3 सालों के दौरान देश में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 2020 के दौरान पराली जलाने की कुल 83,002 घटनाएं दर्ज की गई थी। यह 2021 के दौरान घटकर 71,304 पर, 2022 के दौरान 49,922 पर और 2023 के दौरान 36,663 पर आई है। इसी तरह हरियाणा में 2020 में पराली जलाने की 4,202 घटनाएं सामने आई थी।
जबकि पिछले तीन सालों के दौरान 2021 में 6,987, 2022 में 3,661 और 2023 में 2,303 घटनाएं दर्ज की गई। मंत्रालय को उम्मीद है कि धान की पुआल के प्रबंधन की दिशा में किए गए प्रयासों के चलते आनेवाले सालों में पराली जलाने की घटनाओं में और कमी आयेगी, जिससे धान की फसल के मौसम के दौरान दिल्ली एनसीआर में समग्र वायु गुणवत्ता परिदृश्य में भी सुधार होगा।
सरकार ने किसानों को पराली के वैज्ञानिक प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी कई प्रयास किए हैं। इनमें किसानों को पराली की कटाई, ढेरीकरण, और निपटान के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की इन पहलों के परिणामस्वरूप, हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। यह एक सकारात्मक संकेत है और यह उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह संख्या और कम होगी।
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