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टमाटर के बाद अब बढ़ सकती है प्याज की कीमतें जाने कैसे?

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krishijagriti5

क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार आपूर्ति में संभावित कमी के कारण सितंबर की शुरुआत में खुदरा बाजारों में प्याज की कीमतें 60 से 70 रूपए प्रति किलोग्राम तक बढ़ सकती है। हालांकि, अक्तूबर में आपूर्ति में सुधार के बाद कीमतों में नरमी आ सकती है।

फिलहाल बाजार में प्याज की कीमतें 30 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास हैं। क्रिसिल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आम तौर पर रबी का स्टॉक सितंबर से खत्म होता है। हालांकि इस साल रबी स्टॉक सितंबर के बजाय अगस्त के अंत में ही घटने का अनुमान है। इससे बाजार में आपूर्ति बाधित हो सकती है और कीमतें बढ़ सकती हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार बढ़े हुए तापमान के कारण प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र के कुल हिस्सेदारी का 49 प्रतिशत, मध्य प्रदेश के 22 प्रतिशत और राजस्थान के 6 प्रतिशत में रबी की फसल जल्दी पक गई। इसके अलावा मार्च में इन क्षेत्रों में बेमौसम बरसात ने प्याज गुणवत्ता प्रभावित हुई और इसकी शेल्फ लाइफ सामान्य छः महीने से घटकर 4 से 5 महीने रह गई।

इससे भंडारण संबंधी चिंताएं बढ़ गई और किसानों ने घबराहट में अपनी फसल बेच दी। किसानों द्वारा घबराहट में फसल की बिकवाली के चकते आम तौर पर मार्च में बाजार में आने वाली रबी की फसल समय से पहले फरवरी में ही बाजार में आ गई।

खरीफ की फसल बाजार में पहले से ही उपलब्ध थी और रबी की फसल की आवक शुरू होने के बाद बाजार में प्याज की उपलब्धता अचानक से बढ़ गई और प्याज की कीमतें घट गई। अब आलम यह है कि समय से पहले बाजार में आया रबी का स्टॉक समय से पहले खत्म होने को हैं। नतीजतन प्याज की कीमतें बढ़ने की संभावना हैं।

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