फरवरी महीने के दौरान भारत से तेल खली के निर्यात में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। सोयाबीन खली के निर्यात में वृद्धि के कारण फरवरी में तेल खली निर्यात सालाना आधार पर 9 प्रतिशत बढ़कर लगभग 5.16 लाख टन हो गया। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्शन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने बताया कि फरवरी में तेल खली का निर्यात 515,704 टन तक पहुंच गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 471,770 टन था। कुल तेल खली निर्यात में सोयाबीन खली का योगदान 347,905 टन रहा, जबकि सरसों खाली का योगदान 144,472 टन है।
एसईए के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से फरवरी अवधि के दौरान तेल खली का कुल निर्यात 19 प्रतिशत बढ़कर 44,90,055 टन हो गया, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह 37,60,329 टन पर था। इसी अवधि के दौरान सोयाबीन खली का निर्यात पिछले वर्ष की समान अवधि के 7.87 लाख टन की तुलना में बढ़कर 19.34 लाख टन हो गया।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से फरवरी अवधि के दौरान सरसों खली की निर्यात में गिरावट देखने को मिली। इस अवधि के दौरान देश से 20.40 लाख टन सरसों खली का निर्यात हुआ, जो पिछले साल के दौरान 20.48 लाख टन पर था। दक्षिण कोरिया, वियतनाम, थाइलैंड और बांग्लादेश भारतीय तेल खली के प्रमुख खरीदार देश रहे। जबकि ईरान भारतीय सोयाबीन खली के बड़े आयातक के रूप में उभर रहा है। चालू वित्त वर्ष के दौरान ईरान ने भारत से 341,206 टन तेल खली का निर्यात किया है, जबकि साल भर पहले ईरान का तेल निर्यात महज 3,946 टन था।
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