देश में ज्यादातर किसान सीमांत किसानों की श्रेणी में आते हैं, जिनके पास एक से दो हेक्टेयर भूमि उपलब्ध हैं। ऐसे में इन किसानों की अपनी आय बढ़ाने के लिए बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है उनके लिए ये कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। तो आइए जानते है कि कैसे हमारे किसान खेती कर के अपने व्यवसाय को मुनाफे की और ले जा सकते हैं।
महत्वपूर्ण कृषि उपकरण
खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए सबसे पहले किसानों पर आने वाली कृषि लागत को कम करने की आवश्यकता हैं। खेती में इस्तेमाल होने वाले बीज, कृषि रसायन, उर्वरक, कृषि गतिविधियां, सिंचाई आदि की लागत साल दर साल बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में उन्हें अपनी सोच के साथ खेती की लागत कम करना चाहिए ताकि किसानों का मुनाफा बढ़ सके।
अपनी खेती किस पर निर्भर हैं?
भारतीय कृषि पूर्णतः मौसम पर आधारित है। कई बार मौसम की मार से किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो जाती हैं। आंधी, तूफान, बारिश, ओलावृष्टि, बाढ़, अतिवृष्टि जैसे प्रकोप देखते ही देखते खड़ी फसल नष्ट कर देते हैं।
इनमें बचने के लिए किसानों को भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही फसल बीमा योजना का लाभ उठाना चाहिए और बीमा कराना चाहिए। ताकि अतिवृष्टि की स्थिति में फसलों को हुए नुकसान का पूरा भुगतान फसल बीमा के माध्यम से प्राप्त हो सके।
इन तरीकों को अपना कर खेती को लाभ का व्यवसाय बना सकते हैं और खेती की लागत को कम कर सकते हैं।
- मिट्टी की जांच कराएं सबसे पहले।
- संतुलित उर्वरकों के साथ जैविक उर्वरकों का ज्यादा इस्तेमाल करें।
- उन्नतशील प्रजाति के बीजों का इस्तेमाल करें।
- नवीनतम कृषि तकनीकों को लागू करें।
- फसल चक्र को अपनाएं।
- अधिक लाभदायक फसलें को लगाएं मार्केट को देखते हुए।
- फसल विविधीकरण को अपनाएं।
- फसल बीमा कराएं।
- उचित विपणन व्यवसाय को अपनाएं।
- डेयरी/पशुपालन करें।
- बकरी पालन करें।
- मुर्गी पालन करें।
- मधुमक्खी पालन करें।
- मशरूम उत्पादन करें।
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