उपभोक्ता कार्य विभाग ने मसूर दाल के अनिवार्य भंडार की जानकारी तत्काल प्रभाव से देने के लिए सलाह जारी की हैं। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा सूचित किया गया हैं कि सभी हितधारकों को विभाग द्वारा प्रबंधित भंडार जानकारी पोर्टल पर अपने मसूर दाल भंडार की अनिवार्य रूप से प्रत्येक शुक्रवार को जानकारी देनी होगी।
घरेलू बाजारों में दालों की बढ़ती कीमतों को लेकर अब सरकार हरकत में आ गई हैं। कोई भी अघोषित भंडार जमाखोरी माना जायेगा और इसी कानून के तहत उचित करवाई की जाएगी। उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने साप्ताहिक मूल्य समीक्षा बैठक के दौरान विभाग को मसूर की बफर खरीद को बढ़ाने का निर्देश दिया हैं।
इसका उद्देश्य एमएसपी के आसपास कीमतों पर उपलब्ध भंडार की खरीद करना हैं। उपभोक्ता कार्य सचिव ने कहां कि ऐसे समय में जब कनाडा से मसूर का आयात और अफ्रीकी देशों से तुअर का आयात बढ़ रहा हैं, कुछ महत्वपूर्ण कंपनियां उपभक्ताओ और राष्ट्र के हितों के खिलाफ बाजार में हेर फेर करने की कोशिश कर रही हैं।
सरकार घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रही है और स्टॉक को बाजार में उतारने के लिए कड़े कदम उठाएगी ताकि त्योहारी सीजन में उचित कीमतों पर सभी दालों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। कोई भी अघोषित भंडार जमाखोरी माना जायेगा और इसी कानून के तहत उचित करवाई की जाएगी। इसका उद्देश्य एमएसपी के आसपास कीमतों पर उपलब्ध मसूर दाल भंडार की खरीद करना हैं।
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