केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीज आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट में नमो ड्रोन दीदी योजना के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 15 दिनों तक ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। केंद्र सरकार अगले चार सालों में 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करेगी।
ये ड्रोन 2023-24 और 2025-26 के दौरान उपलब्ध कराए जाएंगे। ड्रोन दीदी के रूप में काम करने वाली महिलाओं को प्रति माह 15,000 रुपए की तंखा दी जाएगी। सरकार ने कहां है कि यह पहल न केवल महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्की आधुनिक प्रौद्योगिकी के एकीकरण के माध्यम से कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में भी योगदान देगी।
इस योजना से क्या होगा फायदा
ड्रोन उड़ाने के लिए प्रशिक्षित महिलाएं किसानों को कृषि सेवाएं प्रदान करके अतिरिक्त आय अर्जित कर सकती है। ड्रोन से फसलों की निगरानी, खाद छिड़काव और बीज बोने का काम किया जाएगा, जिससे खेती की पैदावार बढ़ेगी और खेती और बेहतर होगी। दूध, राशन का सामान, दवाइयां और जांच के लिए सैंपल जैसी चीजों को ड्रोन से गांवों तक पहुंचाया जाएगा।
इससे गांवों में रहने वाले लोगों को जरूरी चीजें आसानी से मिलेंगी। नमो ड्रोन दीदी योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करती है।
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