भारतीय चरागाह और चारा अनुसंधान संस्थान के दो वैज्ञानिकों ने लाइवमिंट को बताया है कि देश सूखे चारे की गंभीर कमी की समस्या का सामना कर रहा है और इससे देश में दूध की कीमतें में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। लाइवमिंट की रिपोर्ट के मुताबिक देश के अगल अलग हिस्सों में चारे की कमी 25 से 90 प्रतिशत है। हरे चारे की कमी 11.42 प्रतिशत है, जबकि सूखे चारे के मामले में कमी 23.1 प्रतिशत पर है। चारे की कमी के चलते दूध उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
नतीजतन आने वाले दिनों में दूध की कीमतों में वृद्धि हो सकती हैं। लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सालों में देश में दूध की कीमतें पहले से ही बढ़ रही है क्योंकि चारा अधिक महंगा हो गया है। रविवार को दूध की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 57.52 रुपए प्रति लीटर दर्ज की गई, जबकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान यह 54.9 रुपए प्रति लीटर पर थी।
दूध एक आवश्यक वस्तु है और इसकी कीमतों में वृद्धि से आम लोगों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ सकता है। सरकार को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और दूध की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उपाय करना चाहिए। हालांकि, सरकार दूध की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्रयास कर रही है। सरकार ने दूध उत्पादकों और दुग्ध विक्रेताओं के साथ बैठकें की हैं और दूध की कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए समझौता करने का प्रयास किया है।
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