भारत में आज 28 अक्टूबर यानी आज साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ये ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लग रहा है और भारत में आज दिखने के कारण यहां सूतक काल भी मान्य होगा। ग्रहण के दौरान सूतक काल में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते है। सूतक काल में सभी मंदिरों में दर्शन भी बंद रहेंगे। ज्योतिषविदों के अनुसार ग्रहण का गर्भवती महिलाओं, खेती और पशुओं पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तो आइए जानते चंद्र ग्रहण से जुड़ी मान्यताएं, नियम आदि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
भारत में आज रात 1 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 2 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के ठीक 9 घंटे पहले शुरू होता है। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 28 अक्टूबर को दोपहर 3:15 मिनट से शुरु हो जाएगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर में रखे बने हुए खाने में चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले तुलसी के पत्ते अवश्य डालने चाहिए। ताकि खाने पर ग्रहण का कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े और खाना अशुद्ध न हो। लेकिन इस बात का विशेष तौर पर ध्यान दें कि ग्रहण के दौरान तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए
चंद्र ग्रहण का असर फसलों पर भी काफी पड़ता है। जानकारी के अनुसार इस बार लगने वाला चंद्र ग्रहण वायुमंडल को प्रभावित करेगा, क्योंकि ये चंद्र ग्रहण वायु के प्रभाव से भी घटित होगा। इस चंद्र ग्रहण से रबी सीजन में बोई जाने वाली फसलों के नमी पर असर पड़ेगा।
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