विगत कई वर्ष से लीफ वेबर किट एक मुख्य कीट के तौर पर उभर रहे है। इससे बागों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। आम के पत्तों वाले लीफ वेबर किट (ओरथागा यूरोपड्रालिस) के कारण होता है। पहले यह कीट आम के कम महत्त्व पूर्ण कीट थे, लेकिन इस वर्ष यह कीट बिहार में एक प्रमुख कीट बन गया है। यह कीट इस वर्ष जुलाई महीने से ही अति सक्रिय है और दिसंबर तक नुकसान पहुंचाता रहेगा।
लीफ वेबर कीट पत्तियों पर अंडे देता है, जो एक सप्ताह के समय में हैचिंग पर एपिडर्मल सतह को काटकर पत्तियों पर फ़ीड करता है, जबकि दूसरे इंस्टा लार्वा पत्तियों को बंद करना शुरू कर देते हैं और पूरे पत्ते पर फ़ीड करते हैं जो मिडरिब और नसों को पीछे छोड़ते हैं।
लीफ वेबर कीट का प्रबंधन
किसी भी उपकरण का उपयोग करके जाले को काटकर उसे जलाने से कीट की उग्रता में कमी आती है। इसके बाद, लैम्बाडायशोथ्रिन 5 ईसी (2 मिली / लीटर पानी) का छिड़काव करें। पहले स्प्रे के 15 से 20 दिनों के बाद दूसरा स्प्रे या तो लैम्ब्डासीलोथ्रिन 5 ईसी (2 मिली/लीटर पानी) या क्विनालफॉस 25 ईसी (1.5 मिली/लीटर पानी) के साथ छिड़काव करना चाहिए।
यदि व्यवस्थित रूप से प्रबंधित बाग है, तो बी.थुरुंगीन्सिस का स्प्रे करने की सलाह दी जाती है। अधिक जानकारी हेतु आपने नजदीकी कीट वैज्ञानिक से संपर्क स्थापित करें। PC : डॉ. एसके सिंह प्रोफेसर सह मुख्य वैज्ञानिक(प्लांट पैथोलॉजी) एसोसिएट डायरेक्टर रीसर्च डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर बिहार
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